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कोटा

वृद्धाश्रम की आड़ में किया जा रहा था ये काम, निरीक्षण हुआ तो खुल गई पोल

बर्तनों में धूल, दालों में कीड़े और भवन में लगा था ताला, लेकिन रजिस्टर में सभी थे मौजूद। सरकारी अनुदान की खातिर संचालित हो रहा वृद्धाश्रम।

कोटाDec 19, 2017 / 05:13 pm

ritu shrivastav

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वृद्धाश्रम

कोटा . लोगों की चालाकियां किस हद बढ़ गई हैं, हाल ही में इसका ताजा उदाहरण देखने को मिला। एक मकान में वृद्धाश्रम तो संचालित होना बताया जा रहा है। रजिस्टर में 25 जनों की उपस्थिति भी दर्ज है। लेकिन, न तो वहां एक भी वृद्ध मौजूद मिला और न ही उस बारे में सही ढंग से कोई जानकारी। आलमारी में रखे बर्तनों में इतनी धूल जमी थी जैसे उपयोग किए अरसा बीत गया।
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प्रबंधकर और अध्यक्ष ने दिए अलग-अलग जवाब

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण टीम सोमवार को चौपड़ा पब्लिक शिक्षण संस्थान की ओर से संचालित वृद्धाश्रम का निरीक्षण करने पहुंची। वहां के हाल देखे तो टीम दंग रह गई। वहां कोई वृद्ध नहीं थे और आश्रम के गेट पर ताला लगा था। टीम ने जब संस्था प्रबंधकर और अध्यक्ष से पूछा कि वृद्ध कहां है तो दोनों के जवाब एक दूसरे से मेल नहीं खा रहे थे। इस पर टीम को शक हुअा।
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भवन पर लगा था ताला

टीम सदस्य एडवोकेट महेन्द्रा वर्मा ने बताया कि जब वृद्धाश्रम का निरीक्षण करने पहुंचे तो वहां सिर्फ संस्थान का बोर्ड था, भवन पर ताला लगा था। फोन किया तो संस्था अध्यक्ष की पत्नी साधना आई। उन्होंने बताया कि वृद्ध अपने घर गए, जबकि संस्थान प्रबंधक मंजू का कहना था कि वृद्ध मंदिर गए। टीम घंटों तक वहां रही लेकिन वृद्ध नहीं आए। इसके बाद अंदर जा कर देखा तो आलमारी में बर्तन व सामानों पर धूल मिली और दालों में कीड़े।
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रजिस्टर में सभी थे उपस्थित

रजिस्टर में 19 महिलाओं व 6 पुरुषों के नाम लिखे थे। एक से 18 दिसम्बर तक सभी की उपस्थिति भी थी लेकिन वहां कोई मौजूद नहीं था। निरीक्षण रजिस्टर भी नहीं था। उन्होंने बताया कि संस्था वृद्धाश्रम के नाम पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग से सहायता व अनुदान ले रही है। रिपोर्ट जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के पूर्ण कालिक सचिव को दी जाएगी। निरीक्षण टीम में सदस्य कुलदीप कौर, संदीप मेघवाल व गोवर्धनलाल शामिल थे।

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