7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

मगरमच्छ ने ऊंट पर किया ‘जानलेवा’ अटैक, जानें राजस्थान का ये Video क्यों हो रहा Viral?

Social Media Viral Video: कोटा शहर के पास हनुमतखेड़ा गांव में चन्द्रलोई नदी के तट पर एक मगरमच्छ ने भारी भरकम ऊंट पर हमला कर दिया। ऊंट खुद का बचाव कर भाछा। गनीमत रही की ऊंट का पैर मगरमच्छ के जबड़े में नहीं आया, लेकिन ऊंट के पैर में मगरमच्छ के दांत जरूर लग गया।

2 min read
Google source verification

कोटा

image

Akshita Deora

Jun 24, 2023

viral_video.jpg

Social Media Viral Video: कोटा शहर के पास हनुमतखेड़ा गांव में चन्द्रलोई नदी के तट पर एक मगरमच्छ ने भारी भरकम ऊंट पर हमला कर दिया। ऊंट खुद का बचाव कर भाछा। गनीमत रही की ऊंट का पैर मगरमच्छ के जबड़े में नहीं आया, लेकिन ऊंट के पैर में मगरमच्छ के दांत जरूर लग गया।

वाइल्ड लाइफ एक्सपर्ट आदिल सैफ ने बताया कि बुधवार को मादा मगरमच्छ ने ऊंट पर हमला किया। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर आया तब इसका पता चला। सैफ ने बताया कि नदी के पास मगरमच्छ ने अंडे दे रखे हैं। जैसे ही ऊंटों का झुंड घौसले के पास आने लगा मादा मगरमच्छ सक्रिय हो गई। वह घौसले के पास आ गई। मगरमच्छ को देख ऊंटों का झुंड भाग गया, लेकिन कुछ देर बाद एक ऊंट फिर से घौसले के पास आ गया। यह देख मादा मगरमच्छ ने ऊंट पर हमला बोल दिया। हमले से सहमकर ऊंट वहां से भाग गया। ऊंट का पैर मगरमच्छ के जबड़े में आने से बच गया, और खरोंच आकर रह गई। आदिल ने बताया कि मगरमच्छ 10 फीट लंबी व भारी भरकम मादा है।
यह भी पढ़ें : नेट पर सबसे ज्यादा किया जा रहा सर्च, सोशल मीडिया पर वायरल Biparjoy


....तो हो जाती है मादा खतरनाक
आदिल ने बताया कि अन्य जीवों की तरह मादा मगरमच्छ भी अपने अंडे व बच्चों की रक्षा के प्रति सजग हो जाती है। कोई खतरा महसूस हो तो वह आक्रामक हो जाती है। अक्सर जून के पहले सप्ताह से जुलाई तक करीब एक माह के अंतराल में अंडों से बच्चे निकलने लगते हैं। मैटिंग सीजन अक्टूबर में शुरू होता है।
यह भी पढ़ें : राजस्थान की सबसे बड़ी शादी में विदाई से पहले गुटखा खाती दुल्हन का Video Viral

मगरमच्छों को रास आता है यह क्षेत्र
आदिल के अनुसार चन्द्रलोई नदी आलनिया डेम से प्रारंभ होकर मानस गांव में चंबल में मिलती है। चंबल से जब नहरों में पानी छोड़ते हैं तो मगरमच्छ चन्द्रलोई नदी में आ जाते हैं। उन्हें चन्द्रलोई नदी खूब रास आती है। यहां पर्याप्त मिट्टी व पानी है।