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Video: नहीं देखा होगा पहले कभी ऐसा दंगल, बच्चों के ऐसे पेतरे देख रह जाएंगे दंग

कोटा. कोटा में हाड़ौती सहित देश के 11 राज्यों के 500 से अधिक पहलवानों ने अपने दांव पेच दिखाए। जिसमें बच्चे व लड़कियां भी थी शामिल।

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कोटा

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abhishek jain

Oct 07, 2017

Wrestling Competition in Kota Dussehra Fair 2017

कोटा. दशहरा मेले के श्रीराम रंगमंच पर शनिवार से कुश्ती दंगल शुरू हुआ। इसमें हाड़ौती सहित देश के 11 राज्यों के 500 से अधिक महिला-पुरुष पहलवानों ने शिरकत की। सुबह 9 बजे उद्घाटन समारोह में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनंत कुमार, भाजपा कार्यकर्ता बी.एल. गोचर, नवीन शर्मा कंटू अतिथि रहे। उनका कुश्ती संघ के अध्यक्ष आईके दत्ता, संरक्षक जीडी पटेल, महासचिव हरीश शर्मा ने स्वागत किया।

यहां उद्घाटन सत्र में हुए हाड़ौती कुश्ती दंगल के महिला वर्ग के 55 किलोग्राम भार में योगिता ने पिंकी राठौर को, 50 किग्रा भार में कृष्णा कुमारी ने काजल साहू को, शुभम कुमारी ने प्रतिभा शर्मा को, सना खानम ने मोनिका राठौर को हराया। इसके बाद दिनभर महिला व पुरुष वर्ग की कुश्ती दंगल का दौर जारी रहा। शाम चार बजे क्वार्टर फाइनल, शाम छह बजे सेमीफाइनल व रात आठ बजे विभिन्न किग्रा भार के फाइनल मुकाबले हुए।

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शाम को शुरू हुए राष्ट्रीय मुकाबले
शाम छह बजे राष्ट्रीय स्तर के मुकाबले शुरू हुए। इसमें हरियाणा, दिल्ली, उत्तरप्रदेश, मध्यप्रदेश आदि राज्यों के खिलाडिय़ों ने जोर अजमाइश की।

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कुश्ती दंगल भी है अन्तरराष्ट्रीय

कुश्ती दंगल भी अन्तरराष्ट्रीय स्तर का है। यहां 11 साल से लगातार अखिल भारतीय चम्बल केसरी, चम्बल भीम, चम्बल कुमार, महिला चम्बल केसरी, महिला चम्बल भीम दंगल होते हैं। इनमें अन्तरराष्ट्रीय खिलाड़ी भाग लेते हैं।

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पहले ताकत, अब स्टाइल की कुश्ती
पहलवान बालकृष्ण बरथूनिया बताते हैं कि दो दशक पहले तक ताकत से कुश्ती हुआ करती थी। जो पहलवान जितना ताकतवर होता था, वही दंगल जीत कर ले जाता था, लेकिन अब नेशनल गेम्स ओलम्पियार्ड के बाद कुश्ती के कई नियम बदल गए हैं। अब पहलवान स्टाइल के आधार पर कुश्ती जीतते हैं। नख पट्टी, घोड़ा पछाड़, कुलाटी मार, धोबी पछाड़, कला जंग, एकलंगा, धाक, बंगड़ी आदि दांव पेंच के आधार पर पहलवानों को प्वाइंट मिलते हैं।