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अमृत-राजयोग में है धनतेरस करेगा धन की वर्षा

इस बार धनतेरस पर्व अमृत और राजयोग मे आ रहा है। धनतेरस सोमवार पांच नवंबर को है। इस दिन स्वामी श्री धनवंतरि और कुबेर की पूजा होगी।

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नागौर. इस बार धनतेरस पर्व अमृत और राजयोग मे आ रहा है। धनतेरस सोमवार पांच नवंबर को है। इस दिन स्वामी श्री धनवंतरि और कुबेर की पूजा होगी। ज्योतिषाचार्य पंडित नारायण शर्मा ने बताया कि धनतेरस को दिन धन और आरोग्य के लिए भगवान धन्वंतरि पूजे जाते हैं। इस दिन कुबेर की पूजा की जाती है। इसी दिन भगवान धनवन्तरी का जन्म हुआ था। भगवान धनवंतरी समुन्द्र मंथन के दौरान अपने साथ अमृत का कलश और आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे। यही वजह है कि भगवान धनवन्तरी को औषधी का जनक भी कहा जाता है। धनतेरस के दिन सोने-चांदी के बर्तन खरीदना भी शुभ माना जाता है। धनतेरस पूजा मुहूर्त शाम पांच बजकर ५० मिनट से रात 8.01४ बजे तक रहेगा। लाभ व अमृत का समय तीन बजकर छह मिनट से शाम सात बजकर २८ मिनट है। त्रयोदशी तिथि रविवार को रात्रि एक बजकर २४ मिनट से अगले दिन सोमवार को रात्रि ११ बजकर ४६ मिनट तक रहेगी। धन का मतलब समृद्धि और तेरस का मतलब तेरहवां दिन होता है. धनतेरस का मतलब है धन को तेरह गुणा बनाने और उसमें वृद्धि करने का दनि. कारोबारियों के लिए धनतेरस का खास महत्व होता है क्योंकि धारणा है कि इस दिन लक्ष्मी पूजा से समृद्धि, खुशियां और सफलता मिलती है।
कैसे करें धनतेरस की पूजा
– धनतेरस के दिन पूजा की शुरुआत करते हुए मिट्टी या चांदी का हाथी और धन्वंतरि की फोटो स्थापित कर चांदी या तांबे की आचमनी से जल का आचमन करने के पश्चात सबसे पहले भगवान गणेश का ध्यान करना चाहिए। इसके बाद हाथ में अक्षत-पुष्प लेकर भगवान धन्वंतरि का ध्यान और पूजन करें.

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