
कुचामनसिटी. कोरोना संक्रमण के बीच इन दिनों झुग्गी झोंपड़ी में अपना जीवन यापन करने वाले परिवारों के बीच सबसे बड़ी परेशानी है। मजदूरी कर रोजमर्रा का जीवन यापन करने वाले अब केवल सहयोग के भरोसे है। इस परिवार को जब खाने का पैकेट मिला तो यूं बच्चे व महिला एक साथ खाने के पैकेट से खाना खाकर खुशी व्यक्त करते हुए नजर आए।
कुचामनसिटी. कोरोना वायरस की दहशत और मौत के पंजे का तांडव ऐसा मचा है। फिलहाल स्वास्थ विभाग, प्रशासन व नगरपालिका की ओर से साफ-सफाई, फॉगिंग, डीडीटी का छिडक़ाव, क्लोरोक्वीन के इस्तेमाल और उपलब्ध वैक्सीनेशन जैसे उपायों के मुकाबले में कफ्र्यू व लॉक डाउन पर काफी जोर देता नजर आ रहा है। इस सबके बीच एक गंभीर बात ये भी है कि हमारे नेता और जनता के रहनुमा भी फिलहाल नदारद हैं। सवाल यह है कि क्या हमारे नेता केवल केवल सत्ता भोगने के लिए जनता और उनके वोटों का इस्तेमाल करना चाहते हैं। सबसे बड़ा सवाल ये है कि अगर ये सत्ता में नहीं हैं तो क्या बतौर विपक्ष इनकी कोई जिम्मेदारी नहीं बनती है कि लॉक डाउन जैसे विकट समय में निर्धन, असहाय या दिहाड़ी मजदूर तबके लिए राहत दिलाने में सरकार से मांग करें।
आज पूरा राज्य कई तरह की समस्याओं के अलावा कोरोना जैसे घातक वायरस से दहशत में है। लेकिन सत्ताधरी, विपक्ष और दूसरे दल कहां है। क्या सत्ता से बाहर राजनीतिक दल और विपक्ष अपनी जिम्मेदारी निभा रहा हैं। सत्ता को सहयोग करने और उसके कामकाज पर नजर रखने का काम विपक्ष का नही हैं। हर प्रकार के आपसी राजनीतिक, क्षेत्रीय, धार्मिक या किसी भी तरह के मतभेदों को भुलाकर कोरोना वायरस के खिलाफ जंग लडऩे के साथ उन तबकों का भी ध्यान देना चाहिए जो आज घरों में कैद होकर कफ्र्यू व लॉक डाउन का सहयोग कर दो वक्त की रोटी के लिए तरस रहे है। आज यह समय है कि जब कोरोना के कहर से जनता बेहाल है। घरों में कैद जनता हर तरफ उम्मीद भरी नजरों से देख रही है कि कहीं से कोई राहत की खबर आए।
लॉक डाउन में दिहाड़ी मजदूर हुए लाचार
कोरोना वायरस की दहशत का तमाशा लोग घरों में कैद होकर देख रहे है। लेकिन मनुष्य को जीवित रहने के लिए दो वक्त की रोटी की भी आवश्यकता होती है। लॉक डाउन के कारण खासकर वो लोग लाचार हो गए है जो चाय की थड़ी, नाई की दुकान, चुडिय़ां बेचने वाली महिलाए सहित दिहाड़ी मजदूर रोज कमाकर अपना पेट भरते व परिवार का पालन पोषण करते है। लॉक डाउन के कारण मजदूर भी कही जा नहीं पा रहे है। हालांकि इस सम्बध में उपखण्ड अधिकारी बाबूलाल जाट का कहना है कि लोगों के पास राशन नहीं होना या पैसे नहीं होना जैसी शिकायते जन सम्पर्क पोर्टल पर गलत साबित हो रही है, लेकिन कुचामन शहर में यदि कोई भी जरूरतमंद परिवार है तो उसकी हर सम्भव मदद के लिए प्रयास किया जाएगा।
आज भी कई परिवार खाद्य सुरक्षा योजना से वंचित
राज्य सरकार ने लॉक डाउन से निपटने के लिए राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम से जुड़े परिवारों जिनको एक रुपए, दो रुपए प्रतिकिलों गेहूं मिलता है, उन्हें मई माह तक गेहूं मुफ्त में दिए जाने के लिए निर्देश दिए है। लेकिन आज भी ऐसे कई सैकड़ों परिवार है जो आर्थिक दृष्टि से कमजोर होते हुए भी राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम का लाभ नहीं ले पा रहे है। शहर के भाटों का बास, ग्वारियों का मोहल्ला, बावरियों का मोहल्ला, रैगरों का मोहल्ला सहित कई स्थानों पर सैकडों लोग है जो मेहनत मजदूरी कर अपना पेट भरते थे, लेकिन पिछले पन्द्रह दिनों से घरों में कैद होने के कारण अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। इन मोहल्ले के ताराचन्द ग्वारिया, विजय ग्वारिया, गुलाब सैन, रतनलाल सैन, ओमप्रकाश सैन, अशोक कुमार बावरी, राजकुमार साल्डिवाल, माणक साल्डिवाल सहित लोग है तो सरकार से राहत की खबर आने की आस लगाए बैठे है।
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इनका कहना है
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत जुड़े हुए परिवारों को पांच प्रति सदस्य को पांच किलो की जगह दस किलो गेहूं वितरित किया जा रहा है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम में जिन परिवारों का नाम नहीं जुड़ा है तथा आर्थिक दृष्टि से कमजोर है वो परिवार नगरपालिका व उपखण्ड कार्यालय में बने कन्ट्रोल रुम में सम्पर्क कर राशन सामग्री प्राप्त कर सकता है।
विरेन्द्र जाखड़
प्रर्वतन निरीक्षक, रसद विभाग, कुचामन सिटी
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कुचामन शहर में भामाशाहों के सहयोग से निर्धन, असहाय व जरूरतमंद परिवारों के लिए भोजन व राशन सामग्री की व्यवस्था की जा रही है। लॉक डाउन के समय में यदि कोई भी परिवार इस तरह की समस्या से परेशान है तो व कन्ट्रोल रुम में सम्पर्क कर सकता है, उसकी मदद की जाएगी।
बाबूलाल जाट
उपखण्ड अधिकारी
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राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना के तहत जुड़े परिवारों के लिए राज्य सरकार ने नि:शुक्क गेहूं देने की बात कही है। लेकिन ऐसे भी कई परिवार है जो इस योजना से वंचित है और आर्थिक दृष्टि से कमजोर भी है। उन लोगों के लिए सरकार को कोई कदम उठाने चाहिए।
विजयसिंह चौधरी
पूर्व विधायक, नावां
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सरकार को अवगत कराएंगे
राजस्थान पत्रिका के माध्यम से यह बात सामने आई है। राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम योजना में जुड़े परिवारों के अलावा आर्थिक दृष्टि से कमजोर लोगों के लिए राजस्थान सरकार के मुख्यमंत्री से राहत दिलाने की मांग करेंगे। शीघ्र ही इस सम्बध में उचित कदम उठाए जाएंगे।
महेन्द्र चौधरी
उपमुख्य सचेतक, राजस्थान सरकार
Published on:
06 Apr 2020 04:56 pm
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