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फर्जीवाड़ा: राजस्थान में यहां नमक में कलर मिला बना रहे पोटाश, कट्टों में पैकिंग कर किसानों को बेच रहे

Rajasthan News: नमक उद्यमी की वजह से सैकड़ों किसानों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यहां नमक में लाल-हरा कलर मिलाकर उसे पोटाश बनाकर बेचा जा रहा है।

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Rajasthan, people are mixing colour in salt and making potash

mixing colour in salt and making potash

नावां शहर, कुचामन। नमक मंडी में नमक का काला कारोबार सामने आया है। यहां 2 रुपए किलो के नमक में लाल-हरा कलर मिलाकर उसे पोटाश बनाकर 34 रुपए किलो तक बेचा जा रहा है। नमक को पोटाश के कट्टों में पैकिंग कर अन्य प्रदेश में भेजा जा रहा है।

नावां के पुराने रेलवे स्टेशन रोड पर एक प्लांट, बायपास प्लांट क्षेत्र में 2 साथ ही राजास गांव में अवैध रूप से नमक का यह काला कारोबार किया जा रहा है। प्लांट पर श्रमिकों से इसके बारे में पूछा जाने पर बताया कि उनको केवल यह कार्य करने के लिए कहा है तथा फिर पोटाश के कट्टों में पैक करने के आदेश हैं। इसके साथ ही इस पूरे मामले में ट्रांसपोर्टरों की भी भूमिका है। ट्रांसपोर्टर इसकी बिल्टी भी पोटाश के नाम से दे रहे हैं। कुछ तो केवल वाट्सप ऐप पर भेजकर ही रवाना कर देते हैं। इसके साथ ही क्षमता से अधिक वजन भी ले जाया जा रहा है। नावां से एक ट्रक में लोड होकर 15 जुलाई को एक ट्रक फलोदी गया था। जहां पर कृषि विभाग व पुलिस की संयुक्त कार्रवाई के चलते एक गोदाम में छापा मारा गया। जिसमें विभिन्न ब्रांड के खाली कट्टे मिले तथा नकली खाद से भरा एक ट्रक खड़ा मिला।

जो नावां से 15 जुलाई को रवाना होकर 18 जुलाई को फलोदी पहुंचा था। उन खाद के कट्टों में रंगीन नमक भरा हुआ था। इसको लेकर कृषि विभाग के कार्रवाई की और मामला दर्ज करवाया।

नमक उद्यमी के 15 गुना मुनाफे से किसानों को कर रहे बर्बाद

क्षेत्र के कुछ नमक उद्यमी की वजह से सैकड़ों किसानों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। जो नमक 2 रुपए किलो में बिकने वाला है उसको कलर लगाकर 34 रुपए प्रतिकिलो में बेचा गया। छत्तीसगढ़ के अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि वहां पर प्रति 50 (कट्टे) किलो पर 1700 रुपए राशि दर्ज थी। जिसके कारण जो नमक पिसाई के बिना ही कलर लगा दिया गया वह 15 गुना से अधिक मुनाफा दे रहा है।

फर्जी कंपनी बनाकर माल भेज रहे, अब सभी फरार

छत्तीसगढ़ पुलिस ने जब इस मामले का पर्दाफाश किया तो सामने आया कि सवाईमाधोपुर के पिपलाई गांव से शिवकृष्ण गुर्जर, ओमप्रकाश गुर्जर की ओर से एक फर्म बनाई है। जिसका नाम ओपीएस किसान एग्रो प्राइवेट लिमिटेड श्याम सरोवर कालवाड़ रोड जयपुर है। नावां के नमक व्यापारियों का माल लेता है तथा आगे दे रहा है। इसके साथ अन्य भी है। लेकिन जब पड़ताल की तो सामने आया कि यह फर्म तो 2022 में ही बन्द हो गई थी तथा इसके कही भी ऑफिस नहीं है। जब छत्तीसगढ़ पुलिस ने दबिश दी तो दोनों व्यक्ति फरार मिले।

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