
झोले में नवजात का शव लेकर पहुंचा, PC- एक्स।
लखीमपुर खीरी : उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना ने लोगों को झकझोर कर रख दिया। शुक्रवार को एक बेबस पिता अपने नवजात बच्चे का शव झोले में लेकर जिलाधिकारी (डीएम) कार्यालय पहुंचा और अस्पताल की लापरवाही का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की गुहार लगाई। इस घटना ने डीएम कार्यालय में हड़कंप मचा दिया। पिता का आरोप है कि महेवागंज के गोलदार अस्पताल में इलाज में लापरवाही और पैसे की मांग के चलते उसके नवजात की मौत हो गई, जबकि उसकी पत्नी की हालत गंभीर बनी हुई है।
लखीमपुर खीरी के भीरा थाना क्षेत्र के नौसर जोगी गांव निवासी विपिन गुप्ता की पत्नी रूबी गुप्ता गर्भवती थीं। बुधवार रात प्रसव पीड़ा बढ़ने पर उन्हें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिजुआ ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने बताया कि प्रसव का समय अभी नहीं है, लेकिन हालत गंभीर होने के कारण उन्हें जिला अस्पताल रेफर कर दिया। इस बीच, रूबी की बहन ने गांव की आशा कार्यकर्ता दीपा से संपर्क किया, जिन्होंने महेवागंज के गोलदार अस्पताल में भर्ती करने की सलाह दी।
रात करीब ढाई बजे रूबी को गोलदार अस्पताल ले जाया गया। वहां मौजूद डॉ. हुकुमा गुप्ता और डॉ. मनीष गुप्ता ने जांच के बाद परिजनों से सामान्य प्रसव के लिए 10 हजार रुपये और छोटे ऑपरेशन के लिए 12 हजार रुपये की मांग की। स्थिति बिगड़ने पर डॉक्टरों ने ऑपरेशन के लिए 25 हजार रुपये अग्रिम मांगे। विपिन ने तत्काल 5 हजार रुपये जमा किए और बाकी रकम सुबह तक देने का वादा किया, लेकिन आरोप है कि डॉक्टरों ने इलाज में देरी शुरू कर दी।
परिजनों का कहना है कि रूबी की हालत बिगड़ने के बावजूद डॉक्टरों ने समय पर ऑपरेशन नहीं किया। स्थिति गंभीर होने पर अस्पताल प्रबंधन ने इलाज से इनकार कर दिया और नर्सों की मदद से रूबी को जबरन अस्पताल से बाहर निकाल दिया। इसके बाद रूबी को शहर के सृजन अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने बताया कि गर्भ में पल रहा बच्चा पहले ही मर चुका था और उसे गलत दवाएं दी गई थीं। ऑपरेशन के बाद मृत बच्चे को निकाला गया, लेकिन रूबी की हालत अब भी नाजुक बनी हुई है।
शुक्रवार को विपिन गुप्ता अपने नवजात के शव को झोले में रखकर डीएम और पुलिस अधीक्षक (एसपी) कार्यालय पहुंचे। उन्होंने गोलदार अस्पताल के डॉ. मनीष गुप्ता और डॉ. हुकुमा गुप्ता पर लापरवाही और लालच का आरोप लगाते हुए भ्रूण हत्या और मरीज की जान जोखिम में डालने का मुकदमा दर्ज करने की मांग की। शव को देखकर कार्यालय में मौजूद लोग स्तब्ध रह गए। विपिन ने रोते हुए कहा, "साहब, अस्पताल ने मेरे बच्चे को मार दिया और मेरी पत्नी की हालत बिगाड़ दी।"
मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ. संतोष गुप्ता ने मामले को गंभीर बताते हुए जांच के आदेश दिए हैं। उन्होंने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी और अस्पताल को सील करने के लिए एक टीम मौके पर भेजी गई है। पुलिस ने भी शिकायत के आधार पर जांच शुरू कर दी है।
Published on:
22 Aug 2025 06:51 pm
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