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सुभासपा मुखिया ओपी राजभर बोले, ‘अखिलेश यादव का पीडीए फर्जी’

राजभर ने यह भी कहा कि सपा का पीडीए केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए है, और जब सत्ता या संगठन में हिस्सेदारी की बात आती है, तो सपा केवल अपने परिवार को प्राथमिकता देती है।

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ओपी राजभर ने पीडीए को बताया फर्जी, PC- IANS

लखनऊ : उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ओपी राजभर ने समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव के 'पीडीए' (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) नारे और उनके हालिया सोशल मीडिया पोस्ट पर तीखा पलटवार किया है। ओपी राजभर ने अखिलेश के पीडीए नारे को फर्जी करार देते हुए कहा कि सपा ने अपने शासनकाल में पीडीए समुदायों के अधिकारों का हनन किया।

उन्होंने अखिलेश यादव के पीडीए पर आरोप लगाते हुए कहा कि वहां सपा ने यादवों को प्राथमिकता दी और अन्य पिछड़े, दलित, और अल्पसंख्यक समुदायों के हक को नजरअंदाज किया। राजभर ने यह भी कहा कि सपा का पीडीए केवल वोट बैंक की राजनीति के लिए है, और जब सत्ता या संगठन में हिस्सेदारी की बात आती है, तो सपा केवल अपने परिवार को प्राथमिकता देती है।

उन्होंने कहा कि हाल ही में सदन में पूजा पाल ने अपने पति के हत्यारों के संबंध में योगी सरकार की न्याय दिलाने के लिए प्रशंसा की। उन्हें सपा ने पार्टी से निष्कासित कर दिया। अखिलेश यादव बताएं, यह कैसी पीडीए की विचारधारा है।

राहुल गांधी और तेजस्वी यादव की वोटर अधिकार यात्रा पर तंज कसते हुए उन्होंने कहा कि इससे कुछ भी असर नहीं पड़ने वाला है। बिहार की जनता ने मन बना लिया है कि एक बार फिर एनडीए की सरकार बनानी है। विपक्षी दलों की हार सुनिश्चित है।

उन्होंने कांग्रेस को वोट चोरी करने वाली पार्टी बताया और कहा कि साल 1952 में बाबा साहेब अंबेडकर के साथ वोट चोरी की। वाराणसी में वोट चोरी कर मतपेटी को गंगा नदी में फेंका। रामपुर में चुनाव हारी तो मुख्यमंत्री को चेतावनी दी कि यह सीट किसी भी कीमत पर चाहिए। जीते हुए उम्मीदवारों को हराया गया। अखिलेश यादव उनके साथ जाकर वोटर अधिकार यात्रा करेंगे। देखने वाली बात यह है कि पूर्व के मध्यप्रदेश चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के खिलाफ प्रचार किया था। इनके प्रचार की वजह से भाजपा वहां जीती।

कोर्ट से अब्बास अंसारी को राहत मिलने पर उन्होंने कहा कि वे कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं। लोकसभा में तीन बिल पेश होने पर विपक्ष के हंगामे पर उन्होंने कहा कि विपक्ष को आपत्ति इस बात की है, क्योंकि, उनके कई नेता जेल में रहकर सरकार चला चुके हैं। उन्हें डर है कि इस बिल के आने से वह भविष्य में ऐसा नहीं कर पाएंगे।

राजभर ने शाहजहांपुर जिले के जलालाबाद का नाम बदलकर परशुरामपुरी करने पर कहा कि यह फैसला स्वागतयोग्य है, क्योंकि यह सोच-समझकर लिया गया है और सभी को इसकी सराहना करनी चाहिए।