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अगर नहीं लिया 10 रुपये का सिक्का तो जाना पड़ सकता है जेल

अगर किसी बड़े या छोटे व्यापारी ने 10 का सिक्का लेने से मना किया तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है।

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Akansha Singh

Oct 07, 2016

10 rupee coin

10 rupee coin

लखीमपुर खीरी। अगर किसी बड़े या छोटे व्यापारी ने 10 का सिक्का लेने से मना किया तो उसे जेल की हवा खानी पड़ सकती है। बैंक अधिकारियों की मानें तो असली नोट या सिक्का लेने से इंकार करने वाले लोगों को जेल तक हो सकती है। उन पर एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक ने दस रुपये का सिक्का चलन से बाहर नहीं किया है। आप को बताते चलें कि बाजारों में छोटे और बड़े दुकानदार दस रुपये के सिक्के लेने से इंकार कर रहे हैं। सबसे अधिक समस्या सब्जी मंडी में और ऑटो व छोटे दुकानदारो से ये समस्या सामने आ रही है। जिससे सीधे आम जनता को समस्या उत्पन्न हो रही है। कई बार तो 10 के सिक्को के लेंन-देंन को लेकर नौबत मार-पीट तक आ जाती है। जब कि बैंकों में दस रुपये के सिक्के लिए जा रहे हैं।लिहाजा कोई व्यक्ति या दुकानदार दस रुपये बैक वालो का कहना है कि यदि कोई भी 10 का सिक्का लेने से मना करता है, तो उसके खिलाफ थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई जा सकती है। उसके खिलाफ भारतीय मुद्रा अधिनियम के तहत कार्रवाई होगी। असली सिक्का लेने से मना करना कानूनन गलत और भारतीय मुद्रा का अपमान है। यह है सजा का प्रावधान: नोट या सिक्के का जाली मुद्रण, जाली नोट या सिक्के चलाना और सही सिक्कों को लेने से मना करना अपराध है।


....हो सकती है इन धाराओ में सजा
भारतीय संहिता की धारा 489ए से 489इ के तहत अपराध है। इन धाराओं के तहत किसी विधिक न्यायालय द्वारा आर्थिक दंड, कारावास अथवा दोनों की सजा दी जा सकती है। ऐसे करें नकली-असली की पहचान: असली दस रुपए का सिक्का डबल डाई से तैयार किया जाता है। नकली सिक्के में भी डबल डाई का प्रयोग किया गया है, लेकिन ध्यान से देखने पर इन्हें पहचाना जा सकता है। असली सिक्कों में पीले भाग का रंग हलका हैं, जबकि नकली में पीला भाग ब्राइट है। असली सिक्का शार्प है, जबकि नकली सिक्का थोड़ा खुरदरा है और साइज में भी फर्क है। नकली सिक्के छोटे हैं और इनका वजन भी कम है। खास बात यह है कि नकली सिक्के का पीला भाग जोर देने पर निकल सकता है। जबकि असली में ऐसा नहीं है।