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Lakhimpur Kheri Violence : मृतक आश्रितों को 45-45 लाख रुपए व सरकारी नौकरी, रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच के लिए गठित होगी नई कमेटी

Lakhimpur Kheri Violence : किसानों के साथ चौथे चरण की वार्ता के बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने प्रेसवार्ता में बताया कि किसानों की मांगें मान ली गई हैं। रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच के लिए नई कमेटी का गठन किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है, जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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Lakhimpur Violence 45 lakh to family members of deceased dependents

लखीमपुर-खीरी. Lakhimpur Kheri Violence- रविवार को जनपद के तिकोनिया में हुई हिंसा में आठ लोगों की मौत हो गई जबकि कई गंभीर घायल हो गये। विरोध में देश भर के किसान सड़कों पर आ गये। सोमवार को किसानों और प्रशासन के बीच बनी सहमति के बाद फिलहाल बवाल शांत होता नजर आ रहा है। किसानों के साथ चौथे चरण की वार्ता के बाद एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि किसानों की मांगें मान ली गई हैं। मृतकों के परिजनों को 45-45 लाख रुपए और घायलों को 10-10 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाएगा। योग्यता के आधार पर मृतक किसानों के एक-एक परिजन को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी। इसके अलावा नई कमेटी का गठन किया जाएगा जो रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में मामले की जांच करेगी। उधर, हिंसा मामले में पीड़ित किसानों से मिलने लखीमपुर जा रहे सपा प्रमुख अखिलेश यादव, कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, आप संजय सिंह, रालोद अध्यक्ष संजय सिंह समेत प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं को हिरासत में ले लिया गया। विरोध में प्रदेश भर में सपाइयों और कांग्रेस ने धरना-प्रदर्शन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कहते हुए शांति-व्यवस्था बनाये रखने की अपील की है।

लखीमपुर खीरी के तिकोनिया में केंद्रीय गृह मंत्री अजय मिश्र टेनी की टिप्पणी का विरोध कर रहे किसानों और मंत्री के बेटे बेटे आशीष मिश्रा के समर्थकों को बीच रविवार को हिंसक झड़प हो गई थी। किसानों का आरोप है कि मंत्री के बेटे ने समर्थकों संग मिलकर गाड़ियों से किसानों को रौंद दिया वहीं, केंद्रीय मंत्री का कहना है कि घटनास्थल पर उनका बेटा मौजूद नहीं था। उन्होंने कहा कि किसानों के साथ उग्रवादी और आतंकवादी छिपे हुए थे। उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले किए। केन्द्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी ने मांग की है कि सभी मृतक भाजपा कार्यकर्ताओं के आश्रितों को 50-50 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दी जाए। उनका बेटा इस मामले में निर्दोष है, जांच में सच सामने आ जाएगा। मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा समेत एक दर्जन से अधिक लोगों के खिलाफ हत्या, आपराधिक साजिश और बलवा सहित कई धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है। हिंसा के बाद वायरल वीडियो से 24 लोगों की शिनाख्त कर सात लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है।

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11 दिन का अल्टीमेटम
एडीजी के साथ संयुक्त प्रेसवार्ता में मौजदू भाकियू के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि प्रशासन से कई राउंड की मीटिंग के बाद सहमति बनी है। अफसरों ने माना है कि मंत्री के बेटे की गलती है। रोके जाने के बाद भी आशीष ने काफिला नहीं रोका, जिसके चलते इतनी बड़ी घटना घट गई। मामले में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र पर भी एफआईआर दर्ज की जाएगी। टिकैत ने कहा कि ऐसा पहली बार होगा जब किसी केंद्रीय गृह राज्यमंत्री पर मुकदमा दर्ज हो रहा है। भाकियू प्रवक्ता ने 11 दिनों में मांगें नहीं पूरी होने पर बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।

लखीमपुर में नेताओं को जाने की अनुमति नहीं
एडीजी प्रशांत कुमार ने बताया कि लखीमपुर खीरी में सीआरपीसी की धारा 144 लागू होने के कारण राजनीतिक दलों के नेताओं को दौरा नहीं करने दिया गया है। किसान संघों के सदस्यों को यहां आने की अनुमति है। उन्होंने कहाकि मामले की जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा। जल्द ही रिटायर्ड जज की अध्यक्षता में जांच के लिए नई कमेटी का गठन किया जाएगा। दोषियों के खिलाफ केस दर्ज हो गया है, जांच जारी है। किसी भी दोषी को बख्शा नहीं जाएगा।

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