
SIT Probe Revelations Tikunia Kand Was Planned Conspiracy
लखीमपुर खीरी. तिकुनिया कांड मामले में एसआईटी की जांच में बड़ा खुलासा हुआ है। किसानों पर चढ़ाई गई गाड़ी व उनकी हत्या को जांच टीम ने सोची समझी साजिश बताते हुए मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा पर संगीन धाराएं बढ़ा दी हैं। आशीष मिश्रा के अलावा अन्य आरोपियों पर भी संगीन धाराएं बढ़ा दी हैं। इसके साथ ही जांच टीम ने जांच टीम ने बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए कोर्ट में अर्जी दी है। दरअसल, विवेचना में एसआईटी ने पाया कि जेल में बंद सभी आरोपियों ने धारा 307 (जानलेवा हमला) धारा 326 (अंग भंग करना) और धारा 34 (एक राय) का अपराध किया है। एसआईटी ने मुकदमें में धारा 34, 307 और 326 बढ़ा दी है।
बढ़ाई गई धाराओं में आरोपियों की रिमांड लेने के लिए विवेचक ने सोमवार को कोर्ट में अर्जी दी थी। इस अर्जी पर कोर्ट ने मंगलवार को आरोपियों को तलब किया है। इसके अलावा एसआईटी ने विवेचना के दौरान यह भी पाया है कि आरोपियों पर धारा 304ए, 279और 338 का अपराध नहीं बनता है। एसआईटी ने मुकदमे से धारा 304ए, 338 और 279 को हटा दिया है।
दुर्घटना से मृत्यु का मामला नहीं
एसआईटी के मुख्य जांच अधिकारी विद्याराम दिवाकर ने कहा कि यह लापरवाही व उपेक्षापूर्वक गाड़ी चलाते हुए यह दुर्घटना से मृत्यु का मामला नहीं है। यह सोची समझी साजिश के चलते भीड़ को कुचलने, हत्या करने, हत्या की कोशिश के साथ ही अंग भंग करने की साजिश का मामला प्रतीत होता है।
मुकदमों की विवेचना जारी
गौरतलब है कि तीन अक्टूबर को तिकुनिया कांड में चार किसान और एक पत्रकार की हत्या में मंत्री पुत्र आशीष मिश्रा पर मुकदमा दर्ज हुआ था। जिसमें धारा 302, 304ए, 147, 148, 149, 279, 338 और 120बी लगी हुई थी। इन्हीं धाराओं में एसआईटी ने आशीष मिश्रा उर्फ मोनू, अंकित दास और सुमित जायसवाल समेत सभी आरोपियों को जेल भेजा था। वर्तमान में मुकदमों की विवेचना जारी है।
Published on:
14 Dec 2021 10:42 am
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