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संसद के बाद अब रेलवे स्टेशनों का होगा कायाकल्प, टाटा के हाथों में आ सकती है कमान

संसद भवन के बाद देश के पुराने स्टेशनों नई दिल्ली और मुंबई सेंट्रल के कायाकल्प की तैयारी शुरू टाटा प्रोजेक्ट्स के अलावा अडानी, जीएमआर, स्टेट ओंड रेलवे कंपनी और कई कंपनियां है रेस में मौजूद

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After Parliament, now railway stations will be rejuvenated, Tata can command

After Parliament, now railway stations will be rejuvenated, Tata can command

नई दिल्ली। संसद भवन के बाद अब नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और मुंबई सेंट्रल को भी रेनोवेट करने की तैयारी शुरू हो गई है। मास्टर प्लान के तहत नई दिल्ली रेलवे स्टेशन और आसपास का 5 लाख स्क्वायर मीटर एरिया और मुंबई सेंट्रल एवं आसपास का 2.6 लाख स्क्वायर मीटर एरिया का नक्शा पूरा बदल दिया जाएगा। इसकी जिम्मेदारी के लिए टाटा प्रोजेक्ट्रस के अलावा अडानी ग्रुप, जीएमआर ग्रुप, एनकॉरेज इंफ्रस्ट्रक्चर, स्टेट ओन्ड रेलवे कंपनी, एसएनएफसी कंपनियों के नाम सामने आए हैं। जिनमें से प्रमुख दावेदारी टाटा की दिखाई दे रही है। आपको बता दें हाल ही में संसद के कायाकल्प की जिम्मेदारी टाटा प्रोजेक्ट्स को मिली है। वैसे रेलवे स्टेशनों की जिम्मेदारी किसी भी कंपनी को मिल सकती है।

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन का कुछ ऐसा होगा कालाकल्प
- आरएलडीए की ओर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन के बिड की आखिरी तारीख 6 नवंबर रखी हैं
2025 तक स्टेशन को री-डिवेलप करना चाहती है रेलवे।
- दिल्ली रेलवे स्टेशन को वल्र्ड क्लास वन स्टॉप डेस्टिनेशन बनाया जाएगा।
- स्टेशन के आसपास रीटेल आउटलेट खोले जाएंगे।
- ऑफिस के लिए स्पेशल स्पेस, हॉस्पिटैलिटी स्पेस, 5 स्टार होटल, बजट होटल, सर्विस अपार्टमेंट जैसी सुविधाएं होंगी।
- स्टेशन के आसपास 30 एकड़ एरिया में ये सब बनाए जाएंगे।
- यह एरिया करीब 5 लाख स्क्वॉयर मीटर का होगा।

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मुंबई सेंट्रल का भी बदलेगा नक्शा
- मुंबई सेंट्रल स्टेशन के अलावा आसपास के 2.6 लाख स्क्वॉयर मीटर एरिया को टूरिज्म और कमर्शियली विकसित किया जाएगा।
- रेलवे को उम्मीद है कि उसे अच्छी खासी बोली मिलेगा, क्योंकि प्राइवेट प्लेयर्स को 60 सालों के लिए छूट मिलेगी।
- कंपनियों को इन्वेस्टमेंट पर अच्छा रिटर्न मिलने की उम्मीद है।
- इस प्रॉजेक्ट के शुरू होने के बाद पूरा होने में 4 साल का वक्त लगेगा।
- दोनों स्टेशनों के विकास के लिए करीब 6500 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे।