
After Vivo exit, Bajus or Coca-Cola may be main sponsors of IPL 2020
नई दिल्ली। भारत चीन टेंशन ( India China Tension ) की वजह से दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग आईपीएल 2020 ( IPL 2020 ) के मेन स्पांसर चीनी कंपनी वीवो ( Vivo ) के एग्जिट होने के बाद अब दो कंपनियों के नाम सामने आने लगे हैं। दुनिया की सबसे बड़ी बेवरेज कंपनियों में से एक कोका कोला ( Coca Cola ) और एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बायजूस ( Byjus Learning App ) इस रेस में सबसे आगे की ओर से दिखाई दे रहे हैं। दोनों ही मेन स्पांसर्स की दौड़ में आ गए हैं। वैसे अभी तक बीसीसीआई की ओर से फ्रेश बिड नहीं निकाली है, लेकिन जल्द ही इस बारे में कोई नया फैसला लिया जा सकता है। जानकारी के अनुसार नए स्पांसर के लिए 300 से 400 करोड़ रुपए की बिड सामने आ सकती है।
फ्रेश बिड लाने की तैयारी में बीसीसीआई
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार बीसीसीआई आईपीएल 2020 के लिए टाइटल स्पांसर के फ्रेश बिड कॉल करने की प्लानिंग कर रही है। जानकारों की मानें तो बीसीसीआई जल्द ही कंपनियों के सामने स्पांसरशिप के लिए बिड सामने लाएगी। दुनिया की कंपनियों के सामने दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग में इंवेस्ट करने का मौका होगा। बीसीसीआई की ओर से पहले ही ऐलान कर दिया है कि आईपीएल 2020 इस साल यूएई में होगा। ऐसे में क्रिकेट बोर्ड के पास नए टाइटल स्पांसर की तलाश के लिए काफी कम समय बचा है।
इन दो कंपनियों के नाम आए सामने
इस मामले में दो कंपनियों के नाम सामने आ गए हैं। पहला नाम कोका कोला इंडिया का है। दूसरा नाम एजुकेशन टेक्नोलॉजी कंपनी बायजूस का है। कोका कोला के पास स्पांसरशिप पहले भी क्रिकेट में स्पांसरशिप का काफी एक्सपीरियंस है। 1998 में शारजाह कप में स्पांसरशिप कोका कोला के पास ही थी। वहीं कई टूर्नामेंट में कोका कोला स्पांसर रह चुका है। मीडिया रिपोर्ट में कोका कोला इंडिया की ओर से बयान के अनुसार हम क्रिकेट में निवेश को जारी रखना चाहते हैं। कंपनी कोई डिसिजन लेने से पहले और डिटेल्स सामने आने का इंतजार कर रही है। वहीं दूसरी ओर बायजूस की ओर से कोई आधिकारिक बयान सामने नहीं आया है। जानकारी के अनुसार स्पांसरशिप के लिए कंपनी की ओर से 300 करोड़ रुपए अलग से रख लिए हैं।
वीवो के पास थी 440 करोड़ की स्पांसरशिप
मीडिया रिपोर्ट से मिली जानकारी के अनुसार बीसीसीआई सोर्स का कहना है कि वीवो ने आईपीएल 2020 से वीवी ने अपने आपको बाहर कर लिया है। स्पांसरशिप एग्रीमेंट के अनुसार वीवी कंपनी की ओर से 440 करोड़ रुपए दिए गए थे। वीवी की ओर से यह फैसला ऐसे समय में लिया गया है जब देश में चीनी कंपनियों और उत्पादों के खिलाफ मुहिम चल रही है। क्योंकि गलवान घाटी में हिंसा के दौरान 20 जवानों के शहीद होने के बाद भारत और चीन के रिश्ते काफी तल्ख हो गए हैं।
Updated on:
06 Aug 2020 11:25 am
Published on:
06 Aug 2020 09:36 am
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