
नई दिल्ली। पीएनबी घोटाले की जांच कर रही सरकारी एजेंसियों को अमरीकी आदलत से एक जबरदस्त झटका लगा है। दरअसल पीएनबी घोटाले का मुख्य आरोपी नीरव मोदी की कंपनी डायमंड फायरस्टार से लेनदारों के कर्ज वसूली पर अंतरिक रोक लगा दिया गया है। क्योंकि डायमंड फायरस्टार कंपनी ने दिवालिया घोषित होने के लिए कोर्ट में अर्जी लगा दी है। जिसके बाद कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि, दिवालिया प्रक्रिया के आवेदन के साथ ही संग्रह से जुड़ी सभी गतिविधियों पर अपने आप ही रोक लग गया है। ऐसे में अब कोई भी कर्जदाता कंपनी या उसकी किसी भी संपत्ति पर कर्ज वसूली को लेकर कोई भी कदम नहीं उठाया जा सकता है। ऐसे में अमरीकी क ोर्ट के इस फैसले से नीरव मोदी और उसकी कंपनी को थोड़ी राहत मिली है।
30 मार्च को कर्जदाताओं के साथ मीटिंग
न्यू यॉर्क के सदर्न डिस्ट्रिक्ट में अदालत ने दो पेज का आदेश दिया है, जिसमें अदालत ने कहा है कि दिवालिया होने की प्रक्रिया के आवेदन के साथ ही संग्रह से जुड़ी सभी गतिविधियों पर अपने आप ही रोक लग गया है। कंपनी ने पहले ही अमरीकी अदालत में दिवालिया कानून के तहत संरक्षण का दावा किया है। कंपनी ने अदालत में चैप्टर 11 याचिका दायर किया है। आने वाले 30 मार्च को अदालत ने सभी कर्जदाताओं की मीटिंग बुलाई है।
कई देशों में है कंपनी का परिचालन
आपको याद दिला दें कि नीरव मोदी ने देश की दूसरी सबसे बड़ी पब्लिक सेक्टर बैंक पंजाब नेशनल बैंक से करीब 12,717 करोड़ रुपए के घोटाले का आरोप है। नीरव मोदी ने पीएनबी से डायमंड फायरस्टार कंपनी के लिए बड़े पैमाने पर कर्ज लिया था। फायरस्टार डायमंड इंक का परिचालन अमरीका, यूरोप, एशिया सहित कई देशों में है। कंपनी ने अपने हालिया स्थिति के लिए नकदी व आपूर्ति चेन में दिक्कतों को जिम्मेदार बताया है। अदालत में दायर अपने दस्तावेजों में कंपनी ने 10 करोड़ डॉलर के कर्ज का जिक्र किया है।
Published on:
03 Mar 2018 12:16 pm
बड़ी खबरें
View Allकॉर्पोरेट वर्ल्ड
कारोबार
ट्रेंडिंग
