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जेट एयरवेज का भविष्य आज तय होगा, बैंक करेंगे फैसला कंपनी फिर उड़ान भर पाएगी या नहीं

Jet Airways को कर्ज देने वाले बैंकों की मीटिंग होगी आज Airline पर बैंकों का लगभग 8,500 करोड़ रुपए का है कर्ज

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जेट एयरवेज के भविष्य पर फैसला करेंगे बैंक, क्या एक बार फिर उड़ान भरेगी कंपनी?

नई दिल्ली। गंभीर संकट से जूझ रहे जेट एयरवेज ( Jet Airways ) के भविष्य को तय करने के लिए सोमवार यानी आज एक महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। आज जेट एयरवेज के भविष्य का फैसला हो सकता है कि कंपनी एक बार फिर से उड़ान भरेगी या यूं ही जमीन पर रहेगी। इसके अलावा आरबीआई ( rbi ) की ओर से 7 जून को स्ट्रेस्ड एसेट्स सर्कुलर जारी किया गया था। मीटिंग में इस सर्कुलर पर भी आज विचार किया जाएगा कि इसमें कोई बदलाव हो सकता है या नहीं।

बैंकों ने दी जानकारी

बैंकरों ने जानकारी देते हुए बताया है कि जेट एयरवेज के संभावित रिजॉल्यूशन पर बैंकों के द्वारा मीटिंग की जाएगी। इसके अलावा बैंकों को कंपनी की ओर से अभी तक किसी भी तरह का कोई गंभीर प्रस्ताव नहीं मिला है। अगर बैंकों को किसी भी तरह का कोई प्रस्ताव मिलता है तो बैंक उस पर काम करेंगे और नहीं मिलता है तो बैंक दिवाला कानून के तहत इस मामले से निपटने की कोशिश करेंगे। बैंकों का मुख्य उद्देश्य जेट को एक बार फिर से उड़ान भरवाना है। बैंकों की बैठक में आरबीआई के सर्कुलर को बदलने पर भी विचार किया जाएगा।

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जेट पर है 8500 करोड़ का कर्ज

जेट एयरवेज को कर्ज देने वाले बैंकों ने पहले ही निवेशकों को जानकारी देते हुए बताया था कि कंपनी की सेवाओं को एक बार फिर से शुरू करना एक मुश्किल काम है क्योंकि कंपनी के ऊपर करोड़ों रुपए का कर्ज है, जिसके कारण कंपनी की नेगेटिव नेटवर्थ को बदलना बहुत ही मुश्किल है। जेट पर लगभग 8,500 करोड़ रुपए का कर्ज है और इसकी कुल देनदारी 25 हजार करोड़ रुपए है। ज्यादा कर्ज होने के कारण कंपनी की साख को भी काफी नुकसान हुआ है।

17 अप्रैल को बंद की थी उड़ानें

आपको बता दें कि देश की सबसे पुरानी प्राइवेट एयरलाइन ने 17 अप्रैल को अपनी सभी उड़ानें बंद कर दी थीं क्योंकि कंपनी के पास रोज के खर्च के लिए भी पैसे नहीं थे और सभी बैंकों ने कंपनी को कर्ज देने से इनकार कर दिया था, जिसके कारण कंपनी जमीन पर आ गई। कंपनी के बंद हो जाने से लाखों कर्मचारियों पर नौकरी का संकट आ गया। इसके साथ ही कई कर्मचारियों को लंबे समय से कंपनी की ओर से वेतन नहीं मिला था, जिसके कारण सभी कर्मचारियों की जिंदगी संकट में पड़ गई।

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बैंक नई योजना बनाकर कर रहे जेट के लिए काम

बैंकों ने कहा कि वह कोशिश कर रहे हैं कि कंपनी को नेशनल कंपनी लॉ ट्राइब्यूनल में न लेकर जाना पड़े क्योंकि वे इसे बेचकर अधिक से अधिक रिकवरी की कोशिश में हैं। इसलिए बैंक ऐसी योजना बनाकर काम करना चाह रहे हैं, जिससे किसी को भी ज्यादा नुकसान न हो। इसके अलावा आपको बता दें कि जेट एयरवेज ब्रांड को किसी निवेशक को भी बेचा जा सकता है, लेकिन अगर यह फैसला लिया जाता है तो इसमें बैंकों को काफी नुकसान होगा क्योंकि बैंकों को दिए गए कर्ज के बड़े हिस्से से हाथ धोना पड़ेगा।

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