
नई दिल्ली। देश की बड़ी कंपनियां कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉसिबिलिटी ( सीएसआर ) के दायित्व को पूरा करने के साथ ही इस पर अधिक व्यय भी कर रही है। खास बात ये है कि देश की बड़ी कंपनियों में से रिलायंस इंडस्ट्रीज ने सबसे ज्यादा खर्च किया है। इंडिया सीएसआर सम्मेलन एवं प्रदर्शनी के दौरान जारी 5वीं सीएसआर आऊटलुक रिपोर्ट 2019 ( आईसीओआर ) में दावा किया गया है।
रिपोर्ट में यह दावा किया गया है कि मार्च में समाप्त वित्त वर्ष में कुल 6131 सीएसआर परियोजनाओं के लिए 10,866.38 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई लेकिन वास्तविक व्यय राशि 10,904.01 करोड़ रुपए रही। इसमें कहा गया है कि 368 बड़ी कंपनियों ने 95.06 फीसदी सीएसआर अनुपालन किया है और निर्धारित राशि से अधिक व्यय किए गए हैं। वित्त वर्ष 2018-19 में निर्धारित सीएसआर बजट से ज्यादा खर्च करने वाली कंपनियों में रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, ओएनजीसी और पॉवर ग्रिड जैसी कंपनियां शामिल है।
सीएसआरबॉक्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी भौमिक शाह ने इस रिपोर्ट को जारी करने के दौरान कहा कि इसमें 368 बड़ी कंपनियों के सीएसआर पर खर्च राशि का विश्लेषण किया गया है। विश्लेषण दर्शाता है कि कॉर्पोरेट इंडिया का सामाजिक दायित्व का 7.35 फीसदी बढ़ा है। उन्होंने बताया कि पिछले साल तक जहां कंपनियां निर्धारित सीएसआर राशि से 30-35 फीसदी ज्यादा खर्च कर रही थी, वहीं इस वर्ष 63 फीसदी कंपनियों ने सीएसआर के लिए निर्धारित राशि ज्यादा खर्च की हैं, जबकि 10 फीसदी कंपनियों ने सीएसआर के लिए निर्धारित राशि से कम व्यय किया है।
पिछले वर्ष की तुलना में कंपनियों द्वारा अमल में लाए गए परियोजनाओं में 17 फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई है। शिक्षा और कौशल आधारित परियोजनाओं में पिछले वर्ष की तुलना में 25 फीसदी की वृद्धि हुई है। कुल सीएसआर कोष का करीब 25 फीसदी महाराष्ट्र, कर्नाटक, ओडिशा को प्राप्त हुआ है, जबकि पश्चिम बंगाल, असम और केरल को सबसे कम सीएसआर कोष से फंड मिला है। 1806 ऐसी परियोजनाओं को अमल में लाया गया जिसके केंद्र में बच्चे थे।
Published on:
25 Sept 2019 03:30 pm
बड़ी खबरें
View Allकॉर्पोरेट वर्ल्ड
कारोबार
ट्रेंडिंग
