
विजय माल्या खिलाफ लंदन की अदालत में हुई 17.5 करोड़ डॉलर की वसूली को लेकर सुनवाई
नई दिल्ली।विजय माल्या के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। अब ब्रिटेन की कंपनी ने वहीं हाईकोर्ट में 17.5 करोड़ डॉलर की वसूली का दावा किया है। जिसके तहत कोर्ट में सुनवाई भी की गई है। कंपनी का नाम डियाजियो है। यह शराब बनाने वाली कंपनी है। यह मामला तब का है जब माल्या ने यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था।
ब्रिटिश कंपनी की ओर से किया गया दावा
ब्रिटिश कंपनी की ओर से न्यायमूर्ति रोबिन नॉलेज की पीठ के सामने दावा किया गया है कि विजय माल्या, सिद्धार्थ माल्या और साथ में परिवार से जुड़ी दो कंपनियां ने उसके देनदार हैं। यह देनदारी तब की है जब उसने माल्या की यूनाइटेड स्प्रिट्स लिमिटेड में नियंत्रणकारी हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया था। कंपनी के अनुसार ने कहा कि 4 करोड़ डॉलर विजय माल्या को चुकाने हैं। जो उन्हें अधिग्रहित कंपनी के प्रबंध से नाता तोडऩे के लिए दिया गया था। बाकी बकाया सिद्धार्थ माल्या और कंपनी वाट्सन लिमिटेड से वसूलने हैं। मौजूदा समय में यह कंपनी माल्या के पारिवारिक न्यास कांटिनेंटल एडमिनिस्ट्रेशन सर्विसेज लिमिटेड के नियंत्रण में है।
हाल ही में मिला है माल्या को समय
हाल ही के दिनों में विजय माल्या को मध्य लंदन स्थित अपने गिरवी घर छुड़ाने के लिए अदालत से अगले साल अप्रैल तक का समय मिला है। माल्या ने घर गिरवी रखकर स्विस बैंक यूबीएस से कर्ज लिया था। यूबीएस बैंक की ओर से विजय माल्या को घर के बदले 2.04 करोड़ पौंड (करीब 182 करोड़ रुपये) कर्ज दिया था। जिसके भुगतान न करने पर विजय माल्या के कॉर्नवाल टेरेस अपार्टमेंट को कब्जे में लेने की मांग की थी। ब्रिटिश हाई कोर्ट की चांसरी डिवीजन के जज सिमॉन बार्कर के न्यायिक सहमति आदेश के मुताबिक दोनों पक्षों में समझौता हो जाने की वजह से मामले की प्रक्रिया स्थगित कर दी गई है।
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Updated on:
25 May 2019 09:11 am
Published on:
25 May 2019 09:02 am
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