scriptअनिल अंबानी का सबसे बुरा दौर आना है बाकी, आखिरी कश्ती में भी हो रहा छेद | More worse situation may come for Anil Ambani Group | Patrika News

अनिल अंबानी का सबसे बुरा दौर आना है बाकी, आखिरी कश्ती में भी हो रहा छेद

locationनई दिल्लीPublished: May 09, 2019 09:07:42 am

Submitted by:

manish ranjan

और बढ़ेंगी अनिल अंबानी की मुश्किलें
आखिरी कश्ती में भी होने लगा छेद
12 महीने में 76 फीसदी गिरा मार्केट कैप

Anil Ambani

hgadg

नई दिल्ली। बीते कुछ सालों में एक ओर जहां बड़े भाई मुकेश अंबानी लगातार तरक्की करते जा रहे हैं। वहीं छोटे भाई अनिल अंबानी की हालत खराब होती जा रही है। बड़े भाई मुकेश अंबानी ने एक दो बार अनिल अंबानी की मुश्किलें कम करनी भी चाही, लेकिन हालात में कोई खास बदलाव नहीं आया। लेकिन मुकेश अंबानी के आगे आने से लोगों को लगा कि अब छोटे भाई की गाड़ी पटरी पर आ जाएगी। अगर आप भी सोच रहे है कि अनिल की मुश्किलें कम हो जाएंगी तो ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। उल्टा अनिल की आखिरी किश्ती में भी छेद होने लगा है।
ये भी पढ़ें: आरबीआई के इस Mobile App से असली-नकली नोटों की आप भी कर सकेंगे पहचान

दिवालिया के कगार पर आरकॉम

पहले ही मुसीबतें झेल रही अनिल अंबानी की टेलीकॉम कंपनी रिलायंस कम्यूनिकेशन (आरकॉम) के खिलाफ दिवालिया कार्रवाई औपचारिक रूप से शुरू हो गई। अनिल अंबानी की आरकॉम पर 31 बैंकों का करीब 50,000 करोड़ रुपये का कर्ज है। आरकॉम ने सबसे अधिक कर्ज भारतीय स्टेट बैंक (SBI) से लिया है। रिलायंस ने रिजॉल्यूशन प्रोफेशनल का चयन करने के लिए तीन मई को बैठक भी की थी। एनसीएलटी की मुंबई बेंच में अगली सुनवाई 30 मई को होगी। कर्ज में डूबी आरकॉम का ऑपरेशन दो साल पहले ही बंद हो गया था।
ये भी पढ़ें: हमदर्द ने बताया कि आखिर क्यों नहीं पहुंच रहा है आपके पास ‘रूह अफजा

आखिरी किश्ती में भी हो रहा छेद

ये तो हुई अनिल अंबानी की कंपनी आरकॉम की बात, अब बात करते हैं अनिल अंबानी की इकलौती सुरक्षित कंपनी रिलायंस कैपिटल की। अनिल अंबानी के आखिरी सुरक्षित एसेट रिलायंस कैपिटल में भी अब धीरे-धीरे गिरावट हो रही है और इसने अपनी नियोजित 2 बिलियन डॉलर के एसेट की बिक्री की तैयारियां करनी शुरू कर दी हैं।
केवल 11 करोड़ का कैश रिजर्व

हालत यह हो गई है कि अनिल अंबानी के ग्रुप की सबसे सुरक्षित माने जाने कंपनी के पास अब केवल 11 करोड़ का ही कैश रिजर्व रह गया है। और जो मौजूदा हालात पूरे ग्रुप की अभी है ऐसे में गिरते हुए मार्केट कैपिटल को देखते हुए दूर दूर तक कोई सुधार की उम्मीद नही दिख रही है।
ये भी पढ़ें: साल 2025 तक दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बाजार होगा भारत का एविएशन इंडस्ट्री

12 महीने में 76 फीसदी गिरा मार्केट कैप

अनिल अंबनी ग्रुप की कंपनी रिलायंस निपॉन को छोड़ दिया जाए तो ग्रुप का कुल मार्केट कैप बीते एक साल में 76 फीसदी तक गिर चुका है। यहां गौर करने वाली बात है कि ग्रुप की इस हालत की जिम्मेदार आरकॉम, आरपावर, आरइन्फ्रा और रिलायंस नवल ऐंड इंजीनियरिंग है। आपको बता दें कि ये चार कंपनियां ग्रुप के 60 फीसदी कर्जे के लिए जिम्मेदार हैं।
business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार,फाइनेंस,इंडस्‍ट्री,अर्थव्‍यवस्‍था,कॉर्पोरेट,म्‍युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो