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गुजरात के किसानों को मिली राहत, पेप्सिको ने वापस लिया केस

गुजरात के आलू किसानों के सामने पेप्सिको ने अपने हाथ पीछे कर लिए पेप्सिको ने आलू किसानों पर दायर किए गए मुकदमें को वापस ले लिया इसके अलावा किसानों को कंपनी ने हर्जाना भी दिया

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गुजरात के किसानों को मिली राहत, पेप्सिको ने वापस लिया केस

नई दिल्ली।गुजरात के आलू किसानों के सामने पेप्सिको ने अपने हाथ पीछे कर लिए हैं। पेप्सिको ने आलू किसानों पर दायर किए गए मुकदमें को वापस ले लिया है। इसके अलावा किसानों को कंपनी ने प्रतीकात्मक तौर पर हर्जाना भी दिया है। किसानों के वकील ने जानकारी देते हुए बताया कि पेप्सिको ने बनासकांठा, साबरकांठा और अरावली के किसानों के खिलाफ दायर किए गए केस को वापस ले लिया है। उन्होंने इसे किसानों की जीत बताया है।


वापस लिया केस

आपको बता दें कि कंपनी ने गुजरात के 11 जिलों के किसानों के खिलाफ केस दर्ज किया था, जिसको अब कंपनी ने वापस ले लिया है। कंपनी का आरोप था कि आलू उसने लेज चिप्स के लिए आलू की जिस FC5 किस्म का पेटेंट कराया था, उसकी अवैध खेती की जा रही है। इसी केस में कंपनी ने किसानों पर कुछ दिन पहले जुर्माना ठोका था।


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चुनाव का पड़ा असर

आपको को बता दें कि चुनाव के दौरान यह मामला सामने आने के कारण नेताओं ने भी किसानों का पक्ष लिया और यह मामला गुजरात में राजनीतिक मुद्दा बन गया। किसानों की ओर से कोर्ट में पेश हुए एडवोकेट आनंद याग्निक ने पेप्सिको पर 'कॉरपोरेट आक्रामकता' का आरोप लगाया था।


किसानों को मिला हर्जाना

किसानों ने कंपनी से प्रतीकात्मक तौर पर एक रुपए का हर्जाना लिया है। पेप्सी कोला और लेज चिप्स बनाने वाली पेप्सिको के अमेरिका स्थित हेडक्वॉर्टर और एशिया पैसिफिक रीजन के ऑफिस ने किसानों के खिलाफ कानूनी मामला दर्ज कराने के अपनी भारतीय इकाई के कदम पर चिंता जताई थी।


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सोशल मीडिया पर हुआ कंपनी का विरोध

पेप्सिको के द्वारा दायर किए गए इस मुकदमे में देश के हजारों लोग किसानों के साथ खड़े थे, जिसके कारण कंपनी पर दबाव बन रहा था और कंपनी को अपना केस वापस लेना पड़ा। इसके साथ ही सोशल मीडिया पर भी पेप्सिको के इस कदम की आलोचना की गई है, जिसके बाद आखिरी में पेप्सिको इस केस से पीछे हट गई और किसानों को हर्जाना भी दिया। वहीं, किसानों का कहना था कि पेप्सिको ने प्रोटेक्शन ऑफ प्लांट वेरायटी ऐंड फार्मर्स राइट्स (PPVFR) का उल्लंघन किया है। यह ऐक्ट पौधों की विशेष किस्म, किसानों के अधिकारों के संरक्षण के साथ ही पौधों की नई वेरायटी के विकास और बुआई को प्रोत्साहन देने से जुड़ा है।

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