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जेफ बेजोस को बड़ा झटका, सरकार की इस एजेंसी ने दिखाई अंबानी-बियानी की डील को हरी झंडी

locationनई दिल्लीPublished: Jan 21, 2021 12:18:02 pm

Submitted by:

Saurabh Sharma

रिलायंस-फ्यूचर की डील को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड की मिली मंजूरी
पिछले साल हुई थी रिलायंस और फ्यूचर ग्रुप के बीच 24,713 करोड़ रुपए की डील

SEBI approves Reliance-Future Group deal

SEBI approves Reliance-Future Group deal

नई दिल्ली। अमेजन को झटका देते हुए सेबी यानी भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने फ्यूचर ग्रुप को रिलायंस को अपनी परिसंपत्ति बेचने की योजना को मंजूरी दे दी है। 24,713 करोड़ रुपए के इस सौदे पर सेबी की मुहर से रिलायंस-फ्यूचर को बड़ी राहत मिली है।

अमरीकी ई-कॉमर्स कंपनी अमेजन लगातार रिलायंस-फ्यूचर सौदे का विरोध कर रही है। सौदे के विरोध में एमेजॉन ने भारतीय सेबी, स्टॉक एक्सचेंजों और अन्य रेगुलेटरी एजेंसियों को कई खत लिख थे। पत्रों में एमेजॉन ने सौदे को अनुमति नहीं देने का अनुरोध किया था। एमेजॉन के अनुरोध को दरकिनार करते हुए भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने कुछ शर्तों के साथ इस सौदे को सशर्त मंजूरी दे दी है।

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सीआईआई पहले ही दे चुका मंजूरी, इनसे मिलना बाकी
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) सौदे को पहले ही मंजूरी दे चुका है। अब सेबी की मंजूरी के बाद एनसीएलटी की मंजूरी मिलना बाकी है। सेबी ने सौदे की पूरी जानकारी फ्यूचर के शेयरहोल्डर्स के साथ साझा करने का आदेश भी जारी किया है। फ्यूचर-रिलायंस ग्रुप के इस सौदे पर सेबी की अनुमति अदालत में लंबित मामलों के नतीजों पर निर्भर करेगी।

फ्यूचर कंपनी बोर्ड ने रिलायंस रिटेल को संपत्ति बेचने के 24,713 करोड़ रुपए के सौदे के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, जिसे 21 दिसंबर के फैसले में दिल्ली उच्च न्यायालय ने वैद्य करार दिया था। न्यायालय ने फ्यूचर रिटेल और रिलायंस रिटेल के सौदे को प्रथम ²ष्टया कानूनी रुप से सही माना था।

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अमेजन डाल रहा है अड़ंगा
अमेजन ने 2019 में फ्यूचर कूपन्स की 49 फीसदी हिस्सेदारी 2,000 करोड़ रुपए में ली थी। डील में एक शर्त यह भी थी कि किसी दूसरी कंपनी के साथ डील करने से पहले फ्यूचर को पहले अमेजन को बताना पड़ेगा। अमेजन के मना करने पर ही फ्यूचर किसी और को होल्डिंग नहीं बेच सकेगी।

अमेजन ने फ्यूचर के साथ हुई इस डील में कुल तीन समझौते किए थे, जिस पर दिल्ली हाईकोर्ट ने एफडीआई नीति का हवाला देते हुए कहा था कि, लगता है कि इन समझौतों का इस्तेमाल फ्यूचर रिटेल पर नियंत्रण के लिए किया गया और वो भी बिना किसी सरकारी मंजूरी के, यह फेमा-एफडीआई नियमों के खिलाफ है।

अमेजन ने फ्यूचर-रिलायंस डील के खिलाफ सिंगापुर इंटरनेशनल आब्र्रिटेशन सेंटर में याचिका दायर की थी। आब्र्रिटेशन सेंटर ने पिछले साल 25 अक्टूबर को फ्यूचर-रिलायंस डील पर रोक लगा दी थी, लेकिन फ्यूचर का कहना है कि आब्र्रिटेशन सेंटर का फैसला उस पर लागू नहीं होता।

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अगस्त में हुआ था ऐलान
रिलायंस इंडस्ट्रीज की सब्सिडियरी कंपनी रिलायंस रिटेल वेंचर्स लिमिटेड ने इस साल अगस्त में फ्यूचर ग्रुप के रीटेल एंड होलसेल बिजनेस और लॉजिस्टिक्स एंड वेयरहाउसिंग बिजनेस के अधिग्रहण का ऐलान किया था। इस डील के बाद फ्यूचर ग्रुप के 420 शहरों में फैले हुए 1,800 से अधिक स्टोर्स तक रिलायंस की पहुंच बन जाती। यह डील 24713 करोड़ में फाइनल हुई थी।

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