रिपोर्ट के अनुसार, ये वायरस आपके निजी डाटा को नुकसान पहुंचा सकता है। ये आपके डाटा को चुरा सकता है। इसमें ई-मेल अड्रेस, फोन नंबर, डेबिट और क्रेडिट कार्ड की जानकारियां ये मेलवेयर चुरा सकते हैं। सिक्योरिटी फर्म अवस्त की रिपोर्ट के अनुसार इन एक्सटेंशन की वजह से 30 लाख से ज्यादा यूजर्स प्रभावित हुए हैं।
सिक्योरिटी फर्म अवस्त के अनुसार, यूजर्स अक्सर अपना काम आसान करने के लिए किसी भी ब्राउजर में एक्सटेंषन डाउनलोड करते हैं। बता दें कि ज्यादातर यूजर्स यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम आदि के वीडियो डाउनलोड करने के लिए एक्सटेंषन डाउनलोड करते हैं। सिक्योरिटी फर्म के अनुसार, वीडियो डाउनलोडर फोर फेसबुक, इंस्टाग्राम स्टोरी डाउनलोडर जैसे कई एक्सटेंषन की वजह से लाखों यूजर्स प्रभावित हुए हैं।
सिक्योरिटी फर्म का कहना है कि इस तरह के 28 एक्सटेंषन इससे प्रभावित हुए हैं। यूजर्स जैसे ही इनके लिंक पर क्लिक करते हैं तो ये यूजर्स की निजी जानकारियां साइबर क्रिमिनल्स तक पहुंचा देते हैं। इसके बाद अटैकर इन एक्सटेंशन के जरिए कमांड को इंजेक्ट करते हैं। जिसकी बाद यूजर्स फिशिंग वेबसाइट की तरफ रीडायरेक्ट हो जातेे हैं। इसकी वजह से यूजर्स की निजी जानकारियां साइबर अटैकर्स के हाथ लग सकती हैं।
अवस्त ने एक बयान जारी करते हुए बताया कि इनकी वजह से ज्यादातर यूजर्स की जन्म तिथि, ई-मेल अड्रेस और डिवाइस इंफॉर्मेशन, फर्स्ट साइन-इन टाइम, लास्ट लॉग-इन टाइम, डिवाइस का नाम, ऑपरेटिंग सिस्टम, ब्राउजर की जानकारी, आईपी एड्रेस तक हैकर्स के हाथ लगी है। हैकर्स का मुख्य मकसद किसी भी साइट के ट्रैफिक को दूसरे यूजर्स की तरफ रिडायरेक्ट करना है जिसे मॉनीटाइज करके कमाई की जा सके।
अवस्त के अनुसार, प्रभावित हुए एक्सटेंशन में ज्यादातर एक्सटेंशन गूगल क्रोम और माइक्रोसॉफ्ट एज ब्राउजर्स पर उपलब्ध है। इन एक्सटेषन के जरिए साइबर क्रिमिनल्स आपकी निजी जानकारियां चुराकार आपके साथ ठगी कर सकते हैं। ऐसे में अगर आपने भी गूगल क्राम या माइक्रोसॉफ्ट एज में से कोई भी एक्सटेंशन डाउनलोड और इंस्टॉल है तो उन्हें तुरंत अनइंस्टॉल कर लें। हो सके तो ब्राउजर को भी अनइंस्टॉल करके दोबारा इंस्टॉल करें।