अभी पूरी तरह तैयार नहीं हैं AI Laptops
एआई लैपटॉप की तकनीक का ज्यादातर हिस्सा एनपीयू पर आधारित होता है। दावा किया जा रहा है कि इससे लैपटॉप तेज और स्मार्ट बनते हैं लेकिन अभी इनका इस्तेमाल काफी सीमित है। माइक्रोसॉफ्ट जैसे बड़े सॉफ्टवेयर प्लेटफॉर्म पर भी AI की लोकल इंटीग्रेशन पूरी तरह से नहीं हो पाई है। कई आम टास्क जैसे फाइल मैनेजमेंट या ब्राउजर कंट्रोल में भी AI की भूमिका खास नजर नहीं आती।
AI Laptops की कीमत ज्यादा, फायदा कम
एआई लैपटॉप की कीमत आम लैपटॉप से काफी ज्यादा है। इसकी वजह इन लैपटॉप्स में दिए गए कुछ खास हार्डवेयर जैसे एनपीयू और नई चिप्स हैं। लेकिन फोटो एडिटिंग, लाइव ट्रांसलेशन और बैकग्राउंड ब्लर जैसे फीचर्स पहले से ही नार्मल लैपटॉप में सॉफ्टवेयर के जरिए इस्तेमाल किए जा रहे हैं। ऐसे में सिर्फ नए हार्डवेयर के लिए ज्यादा पैसा खर्च करना समझदारी होगी? यह आप स्वयं तय कीजिये। यह भी पढ़ें:
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कंपनियां कहती हैं कि AI लैपटॉप में लोकल प्रोसेसिंग से डेटा सिक्योर रहता है और काम तेज होता है। लेकिन अभी जो NPU टेक्नोलॉजी है, वह इतनी पावरफुल नहीं है कि इमेज जनरेशन या वॉयस ट्रांसलेशन जैसे भारी काम खुद से कर सके। इन कामों के लिए अभी भी
ChatGPT, Gemini जैसे क्लाउड-बेस्ड टूल ही ज्यादा बेहतर हैं।
AI Laptops का आम यूजर्स को क्या फायदा?
फिलहाल AI लैपटॉप का सबसे बड़ा फायदा उन यूजर्स को है, जो प्रोफेशनली ऑडियो क्लीनिंग, लाइव सबटाइटलिंग या एडवांस्ड एडिटिंग जैसे काम करते हैं और वह भी ऑफलाइन मोड में। लेकिन अगर आप एक आम यूजर हैं जो इंटरनेट ब्राउज करते हैं, वीडियो देखते हैं या ऑफिस के बेसिक टास्क पूरा करते हैं, तो अभी के लिए AI लैपटॉप लेना जरूरी नहीं है। माइक्रोसॉफ्ट कोपायलट जैसे एआई फीचर भी क्लाउड पर आधारित हैं और सामान्य लैपटॉप पर भी चल जाते हैं। कुलमिलकर, AI लैपटॉप्स आने वाले समय की टेक्नोलॉजी जरूर हैं, लेकिन फिलहाल इनके लिए ज्यादा पैसे खर्च करना समझदारी नहीं लगती है। अगर आपका काम खास AI प्रोसेसिंग से जुड़ा नहीं है तो अभी के लिए सामान्य लैपटॉप ही बेहतर और बजट फ्रेंडली ऑप्शन रहेगा।