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Google के ’Taara’ से देश के दूर दराज के इलाकों में मिलेगी हाई-स्पीड इंटरनेट, यहां जानें कैसे

यह फाइबर की तरह ही होता है लेकिन इसमें केबल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता। नई टेक्नोलॉजी से यूजर्स को 20 गीगाबाइट्स प्रति सेकंड तक की स्पीड मिल सकती है।

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टेक दिग्गज कंपनी गूगल एक नए प्रोजेक्ट पर काम कर रहा है। इसके जरिए वह देश के दूर दराज के इलाकों में हाई-स्पीड इंटरनेट उपलब्ध कराएगा। इसके लिए गूगल की टेलिकॉम कंपनियों से भी बात चल रही है। इसमें यूजर्स को लाइट बीम के इस्तेमाल से टेलिकॉम कनेक्टिविटी और हाई-स्पीड इंटरनेट मिलेगा। इस प्रोजेक्ट का नाम तारा रखा गया है। यह एक बहुत ही जटिल टेक्नोलॉजी है। इस प्रोजेक्ट के लिए गूगल की एयरटेल और जियो के साथ हाई-स्पीड इंटरनेट देने के लिए बातचीत कर रही है।

फाइबर की तरह लेकिन केबल्स नहीं
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस टेक्नोलॉजी में एक बेहद पतले और इनविजिबल बीम के तौर पर हवा के जरिए सुपर हाई स्पीड पर इन्फर्मेशन ट्रांसमिट करने के लिए लाइट का इस्तेमाल किया जाता है। यह फाइबर की तरह ही होता है लेकिन इसमें केबल्स का इस्तेमाल नहीं किया जाता।

इस टेक्नोलॉजी में इमारतों और अन्य जगहों पर लगाए गए सर्वरों के ट्रांसमीर्टर्स और रिसीवर के बीच रेडियो वेव की जगह लाइट बीम भेजे जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस नई टेक्नोलॉजी से यूजर्स को 20 गीगाबाइट्स प्रति सेकंड तक की स्पीड मिल सकती है। बता दें कि फिलहाल यूजर्स को 1 गीगाबाइट प्रति सेकंड स्पीड मिलती है।

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साबित हो सकती है गेम चेंजर टेक्नोलॉजी
जानकारों का मानना है कि यह एक गेम-चेंजर टेक्नेलॉजी साबित हो सकती है। इससे देश के इलाके में लोगों को हाई स्पीड इंटरनेट मिलेगा। इसके साथ ही बिना केबल के एक लाइट बीम के जरिए कनेक्ट होने से इमारतों में इंटरनेट कनेक्टिविटी मुहैया कराके टावरों पर बर्डन भी कम होगा। इसके लिए गूगल देश की तीन बड़ी टेलिकॉम कंपनियों से बात कर रही है।

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आंध्र प्रदेश से होगी शुरुआत
रिपोर्ट्स के अनुसार, इस प्रोजेक्ट की शुरुआत भारत में आंध्र प्रदेश से होगी। इसके अलावा अफ्रीका के केन्या जैसे देश में सबसे पहले शुरू की जाएगी। गूगल के प्रोजेक्ट एक्स के मुताबिक, उनकी टीम टेलिकॉम कंपनियों, इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स और दुनियाभर की सरकारों के साथ इस टेक्नोलॉजी पर बात चल रही है।