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Nissan-Honda का होगा विलय? दो जापानी दिग्गज कंपनियों की बातचीत ने उड़ाई टोयोटा, टेस्ला की नींद!

Nissan-Honda Merger: जापानी अखबार निक्केई के मुताबिक, होंडा और निसान, मित्सुबिशी मोटर्स को भी अपने साथ लाना चाहती हैं। बता दें कि, मित्सुबिशी में निसान मोटर्स की बड़ी हिस्सेदारी है।

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Nissan-Honda

Nissan-Honda Merger: ऑटोमोबाइल की दुनिया में जापानी कंपनियों का अलग ही वजूद है। कोई भी ऐसा देश नहीं होगा जहां, जापानी कारों की टेक्नोलॉजी का जलवा न दिखता हो। ऑटो इंडस्ट्री से जुड़ी एक बड़ी खबर सामने आ रही है। दरअसल, होंडा और निसान दोनों दिग्गज कंपनियां एक साथ आने की तैयारी में हैं। इन दोनों कंपनियों का आपस में विलय हो सकता है। ऐसा करने के पीछे की वजह ये है कि, ग्लोबल मार्केट सहित घरेलू बाजार में चीनी और अमेरिकी कंपनियों को टक्कर देना है, खासकर टेस्ला और बीवाईडी से मुकाबला है।

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मित्सुबिशी मोटर्स को भी साथ लाने का प्रयास

रिपोर्ट्स के मुताबिक, होंडा और निसान के बीच संबंधों को और भी बेहतर बनाने का दौर जारी है। दोनों कपनियां अब एक ही छत के नीचे काम करने की प्लानिंग में हैं। दोनों ब्रांड जल्द ही एक समझौते पर दस्तखत भी कर सकते हैं। जापानी अखबार निक्केई के मुताबिक, होंडा और निसान मित्सुबिशी मोटर्स को भी अपने साथ लाना चाहती हैं। बता दें कि, मित्सुबिशी में निसान मोटर्स की बड़ी हिस्सेदारी है। अगर इन दोनों दिग्गज कंपनियों का प्रयास सफल होता है, और आपस में मर्ज होती हैं तो, दुनिया के सबसे बड़े ऑटो ग्रुपों में से एक बनकर उभरेंगी।

निसान की तरफ से कहा गया कि अभी तक कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है, लेकिन दोनों कंपनियां मिलकर काम करने के लिए कोशिश कर रही हैं और नए तरीके ढूंढ रही हैं। यही बात होंडा ने भी कही है।

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54 बिलियन डॉलर की साझेदारी

अगर होंडा और निसान का विलय हो जाता है तो, दोनों कंपनियों की साझेदारी से 54 बिलियन डॉलर की कंपनी बनेगी, जो ऑटोमोबाइल की दुनिया को एक नया रूप देगा। इनका सालाना प्रोडक्शन 7.4 मिलियन गाड़ियों का होगा। इससे यह टोयोटा और फॉक्सवैगन के बाद गाड़ियों की सेल्स के मामले में दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा ऑटोमोबाइल समूह बन जाएगा।

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