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एक एप पर दिखेगा 12.75 लाख मोबाइल टावरों का रेडिएशन, लोगों का दूर होगा भ्रम

देश के 12.75 लाख बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन (बीटीएस) और 5 लाख मोबाइल टावर पर अब एक एप्लीकेशन से निगरानी रखी जा सकेगी। इ

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Santosh Trivedi

Dec 18, 2016

देश के 12.75 लाख बेस ट्रांसरिसीवर स्टेशन (बीटीएस) और 5 लाख मोबाइल टावर पर अब एक एप्लीकेशन से निगरानी रखी जा सकेगी। इस प्रक्रिया के प्रथम चरण के तौर पर दूरसंचार विभाग ने तरंग संचार नामक पोर्टल तैयार कर लिया है। जिसे एक माह में लॉन्च कर दिया जाएगा।

एक माह बाद एप भी लॉन्च की जाएगी जिससे किसी भी टावर से निकलने वाले रेडिएशन का पता लगेगा। यह जानकारी जयपुर आए दूरसंचार राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) मनोज सिन्हा और विभाग के सचिव जे एस दीपक ने दी। सिन्हा बोले, टावर से निकलने वाले रेडिएशन को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति है जो कि नहीं होनी चाहिए। मोबाइल टावर से तय मानकों से ज्यादा रेडिएशन नहीं हो रहा है।

मुख्य सचिव से मांगे सरकारी भवन

सिन्हा ने राज्य सरकार से जगह देने को कहा है। उन्होंने मुख्य सचिव ओ.पी. मीणा से कहा है कि राज्य की सरकारी इमारतों, नगर निगम-पालिकाओं पर टावर लगाने की प्रक्रिया शुरू करें।

सांसद बोहरा लगाएंगे घर की छत पर टावर

सांसद रामचरण बोहरा ने घर की छत पर टावर लगाने के लिए अनुबंध किया है। उनका कहना है कि लोगों में टावर को लेकर भ्रम है। इसे दूर करने के लिए यह फैसला किया।

5000 में टावर की जांच

कोई टावर की जांच करवाना चाहेगा तो इसी एप की मदद से वह आवेदन दे सकेगा। प्रति टावर 5 हजार देने होंगे।

भ्रम से निकलें

हम मोबाइल रेडिएशन जैसे भ्रामक जाल में फंसे हैं। इससे निकलने की जरूरत है। जल्द लॉन्च होने वाले तरंग पोर्टल से लोग जानेंगे कि वे कितने सुरक्षित हैं। एप भी आएगी। राजस्थान सरकार को भी कहा है, सरकारी इमारतों पर टावर लगाने की अनुमति दें।

मनोज सिन्हा, दूरसंचार राज्य मंत्री


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