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New Tax Regime: टेक्नोलॉजी से बदला टैक्स सिस्टम! Transparency के साथ बढ़ी Hackers की नजर

New Tax Regime 2025: अब टैक्सपेयर्स बिना किसी झंझट के ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए टैक्स भर सकते हैं। नई टैक्स रेजीम और फेसलेस असेसमेंट सिस्टम से ट्रांसपेरेंसी बढ़ी है, लेकिन साथ ही साइबर सिक्योरिटी भी एक बड़ी चुनौती बन गई है।

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भारत

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Anamika Mishra

Aug 30, 2025

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नई टैक्स रेजीम में पारदर्शिता के साथ साइबर हमलों का खतरा भी बढ़ा है। (Image Source: AI)

New Tax Regime Transparency: भारत में टैक्स सिस्टम अब तेजी से डिजिटल रूप और टेक्नोलॉजी-ड्रिवन सिस्टम की ओर बढ़ता जा रहा है। नई टैक्स रेजीम के साथ टैक्स फाइलिंग, असेसमेंट और रिफंड प्रक्रिया अब पूरी तरह टेक्नोलॉजी की मदद से संभव है। खासकर नई टैक्स रेजीम और फेसलेस असेसमेंट सिस्टम के लागू होने के बाद अब एक तरफ जहां पारदर्शिता बढ़ी है। वहीं, साइबर हमलों का खतरा भी तेजी से बढ़ता जा रहा है।

नई टैक्स रेजीम के फायदे (Benefits Of New Tax Regime)

नई टैक्स रेजीम पूरी तरह टेक्नोलॉजी-ड्रिवन है। जिसके कारण टैक्स रिफंड अब तेजी से प्रोसेस होते हैं। इसके साथ ही टैक्स सिस्टम में ट्रांसपेरेंसी बढ़ी है, साथ ही टैक्सपेयर्स को अधिक अधिकार और विकल्प मिलते हैं।

टेक्नोलॉजी ने कैसे बदला टैक्स प्रोसेस (How Technology Changed The Tax Process)

1. फेसलेस असेसमेंट (Faceless Assessment)

अब टैक्सपेयर्स और इनकम टैक्स ऑफिसर के बीच किसी तरह का कोई सीधा संबंध नहीं होगा। सभी इवैल्यूएशन ऑनलाइन पोर्टल्स के जरिए होते हैं, जिससे भ्रष्टाचार को रोका जा सकता है।

2. AI और डेटा एनालिटिक्स (AI and Data Analytics)

टैक्स की चोरी को पकड़ने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और डेटा ट्रैकिंग तकनीकों का इस्तेमाल किया जा रहा है।

3. ई-वेरिफिकेशन और डिजिटल सिग्नेचर (E-Verification and Digital Signature)

अब डॉक्यूमेंट्स को डिजिटल साइन और OTP वेरिफिकेशन से वैलिड बनाया जा रहा है, जिससे पूरी प्रक्रिया अधिक सुरक्षित और पारदर्शी बनी है।

साइबर सिक्योरिटी बनीं चुनौती (Cyber ​​security)

1. डाटा लीक का खतरा (Risk Of Data Leak)

टैक्सपेयर्स के आधार, पैन, बैंक डिटेल्स जैसी जानकारियां हैकिंग के लिए इस्तेमाल हो सकती हैं।

2. फिशिंग और स्कैम ईमेल्स (Phishing and Scam Emails)

इनकम टैक्स डिपार्टमेंट के नाम पर फर्जी मेल या मैसेज भेजकर हैकर्स यूजर्स से ओटीपी या पासवर्ड मांग सकते हैं।

3. सरकारी पोर्टल्स पर साइबर अटैक (Cyber ​​Attack On Government Portals)

ITR पोर्टल्स और GST नेटवर्क को अक्सर डिस्ट्रीब्यूटेड डिनायल ऑफ सर्विस (DDoS) जैसे हमलों से बचाने के लिए कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की जरूरत होती है।