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कौन हैं Perplexity के फाउंडर, जिन्होंने Google Chrome खरीदने के लिए ऑफर किए 34.5 अरब डॉलर

Perplexity ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि क्रोम का आधारभूत Chromium कोड ओपन-सोर्स ही रहेगा, साथ ही कंपनी अगले दो सालों में इस ब्राउजर में तीन अरब डॉलर का निवेश करेगी।

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भारत

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Rahul Yadav

Aug 13, 2025

Who is Perplexity Founder

Perplexity AI founder Aravind Srinivas (Image Source: Aravind Srinivas Linkedin)

Who is Perplexity Founder: दुनिया के सबसे पॉपुलर वेब ब्राउजर गूगल क्रोम (Google Chrome) को खरीदने का सपना देखना भी कई कंपनियों के लिए मुश्किल है लेकिन सिर्फ तीन साल पुरानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस स्टार्टअप Perplexity AI ने ऐसा ऑफर देकर टेक इंडस्ट्री को चौंका दिया है। भारतीय मूल के सीईओ अरविंद श्रीनिवास के नेतृत्व में कंपनी ने 34.5 अरब डॉलर यानी करीब 3 लाख करोड़ रुपये का ऑल-कैश प्रस्ताव गूगल को भेजा है। यह रकम Perplexity के अपने वैल्यूएशन से भी कहीं ज्यादा है, जिससे यह कदम सिर्फ बिजनेस डील नहीं बल्कि एक साहसिक और रणनीतिक चुनौती के रूप में देखा जा रहा है। इस ऑफर के साथ ही अरविंद श्रीनिवास और उनकी कंपनी सुर्खियों में आ गए हैं और अब हर कोई जानना चाहता है कि आखिर यह शख्स कौन है जिसने गूगल को उसके ही ताकतवर प्रोडक्ट के लिए खरीदने का ऑफर दे डाला। चलिए जानते हैं।

क्या बिक जाएगा गूगल क्रोम?

अमेरिका के जस्टिस डिपार्टमेंट ने हाल ही में गूगल पर ऑनलाइन सर्च में एकाधिकार का आरोप लगाया था और अदालत में इसे अवैध घोषित किया गया। इस फैसले के बाद कुछ सुधारात्मक कदम सुझाए गए, जिनमें गूगल को क्रोम ब्राउजर बेचने का सुझाव भी शामिल है। हालांकि, गूगल ने स्पष्ट किया है कि वह इस फैसले के खिलाफ अपील करेगा और क्रोम को बेचने का कोई इरादा नहीं है।

क्रोम के लिए Perplexity का मास्टरप्लान

Perplexity ने अपने प्रस्ताव में कहा है कि क्रोम का आधारभूत Chromium कोड ओपन-सोर्स ही रहेगा, साथ ही कंपनी अगले दो सालों में इस ब्राउजर में तीन अरब डॉलर का निवेश करेगी। इसके अलावा क्रोम की डिफॉल्ट सर्च सेटिंग्स को बदला नहीं जाएगा। कंपनी का मानना है कि इस डील से यूजर्स के पास विकल्प चुनने की आजादी बनी रहेगी और प्रतिस्पर्धा से जुड़े विवाद भी कम होंगे।

कौन हैं अरविंद श्रीनिवास?

अरविंद श्रीनिवास का जन्म 7 जून 1994 को चेन्नई में हुआ था। बचपन से ही उनकी रुचि गणित, विज्ञान और टेक्नोलॉजी में रही है और उन्होंने स्कूल में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हुए भारत सरकार की नेशनल टैलेंट सर्च स्कॉलरशिप हासिल की थी। इसके बाद उन्होंने आईआईटी मद्रास से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में बी.टेक और एम.टेक किया। उच्च शिक्षा के लिए वे अमेरिका गए और यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया, बर्कले से कंप्यूटर साइंस में पीएचडी पूरी की, जहां उनका फोकस मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर था।

OpenAI, DeepMind और Google का एक्सपीरियंस

अरविंद श्रीनिवास ने 2018 में OpenAI में इंटर्नशिप करते हुए रीइन्फोर्समेंट लर्निंग प्रोजेक्ट्स पर काम किया। इसके बाद उन्होंने DeepMind में बड़े पैमाने पर लर्निंग मॉडल्स पर रिसर्च किया और गूगल में विजन ट्रांसफॉर्मर मॉडल्स पर काम किया। 2021 में वे OpenAI में रिसर्च साइंटिस्ट के रूप में लौटे। उनके रिसर्च पेपर्स ICLR, AAAI और NeurIPS जैसे अंतरराष्ट्रीय AI सम्मेलनों में प्रकाशित हुए हैं।

Perplexity AI की शुरुआत और उपलब्धियां

साल 2022 में अरविंद श्रीनिवास ने एंडी कोनविंस्की, डेनिस याराट्स और जॉनी हो के साथ मिलकर Perplexity AI की स्थापना की। यह एक AI-पॉवर्ड सर्च इंजन है जो पारंपरिक सर्च इंजनों की तुलना में सीधे और स्रोत सहित उत्तर देता है। कंपनी में जेफ बेजोस, एनवीडिया, सॉफ्टबैंक और नेट फ्रीडमैन जैसे बड़े निवेशकों ने पैसा लगाया है। 2024 के अंत तक इसकी वैल्यूएशन 14 अरब डॉलर तक पहुंच है जो 2025 में बढ़कर करीब 18 अरब डॉलर हो गया। 2025 में कंपनी ने Comet नाम का अपना AI-पावर्ड ब्राउजर लॉन्च किया है।

Chrome में दिलचस्पी सिर्फ Perplexity तक सीमित नहीं है OpenAI, Yahoo और Apollo Global Management जैसी कंपनियां भी इसमें रुचि दिखा चुकी हैं। वहीं DuckDuckGo के सीईओ का मानना है कि अगर Chrome की बिक्री होती है तो इसकी कीमत कम से कम 50 अरब डॉलर होगी।