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India’s Ancient Astronomy: भारत का प्राचीन खगोल विज्ञान, ज्ञान और विज्ञान में विश्व का अग्रदूत

India's Ancient Astronomy: महासलीला' और 'सूर्य सिद्धांत' जैसे प्राचीन ग्रंथ ब्रह्मांडीय गणनाओं में अद्भुत सटीकता दर्शाते हैं।

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भारत

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MEGHA ROY

Apr 01, 2025

Ancient Astronomical

Ancient Astronomical

India's Ancient Astronomy: भारत ने वैदिक काल से लेकर आज तक विज्ञान और खगोलशास्त्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। 'महासलीला' और 'सूर्य सिद्धांत' जैसे प्राचीन ग्रंथ ब्रह्मांडीय गणनाओं में अद्भुत सटीकता दर्शाते हैं। यह वैज्ञानिक और आध्यात्मिक प्रगति का संतुलन ही भारत को विशिष्ट बनाता है।

भारत: प्राचीन काल से ज्ञान का केंद्र

भारत हमेशा से विज्ञान और खगोलशास्त्र में अग्रणी रहा है। वैदिक काल से लेकर आधुनिक वैज्ञानिक प्रगति तक, हमने ब्रह्मांड की समझ को विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। हमारे प्राचीन ग्रंथ विज्ञान, गणित, भूगोल और दर्शन से भरपूर हैं, जो यह दर्शाते हैं कि भारत दुनिया का पहला ज्ञान स्रोत था।

महासलीला' और 'सूर्य सिद्धांत' – खगोलशास्त्र की धरोहर


प्राचीन ग्रंथ 'महासलीला' और 'सूर्य सिद्धांत' खगोलशास्त्र की सटीक गणनाओं का प्रमाण हैं। 'महासलीला' ब्रह्मांड की उत्पत्ति को वैज्ञानिक दृष्टि से प्रस्तुत करता है, जबकि 'सूर्य सिद्धांत' ग्रहों की गति और कक्षाओं का विस्तृत वर्णन करता है। इन ग्रंथों में की गई गणनाएं आज भी वैज्ञानिक दृष्टिकोण से प्रासंगिक मानी जाती हैं।

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भारतीय विज्ञान और दर्शन का संतुलन

भारत ने केवल भौतिक विज्ञान में ही नहीं, बल्कि आध्यात्मिक और दार्शनिक ज्ञान में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। भारतीय दर्शन विज्ञान और अध्यात्म के संतुलन को दर्शाता है, जो संपूर्ण मानव विकास के लिए आवश्यक माना गया है।

आधुनिक विज्ञान में प्राचीन भारतीय गणनाओं की प्रासंगिकता

आज जब आधुनिक विज्ञान ग्रहों की गति, खगोलशास्त्र और ब्रह्मांड की उत्पत्ति पर शोध कर रहा है, तो यह पाया गया है कि प्राचीन भारतीय गणनाएँ काफी सटीक थीं। इस ज्ञान को पुनः पहचान कर आधुनिक विज्ञान में समाहित करने की आवश्यकता है, जिससे विज्ञान और मानवता को लाभ मिल सके।

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