
Babugosha and Nashpati difference in Hindi फोटो सोर्स – Freepik
Babugosha Vs Nashpati: गर्मियों के मौसम में बाजार में कई रसीले फल नजर आते हैं, जिनमें नाशपाती (Pear) और बाबूगोशा लोगों की खास पसंद बन चुके हैं। दूर से देखने में ये दोनों फल एक जैसे लगते हैं जैसे आकार, रंग और यहां तक कि टेक्सचर भी काफी हद तक मेल खाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये दोनों एक ही नहीं हैं? बाबूगोशा और नाशपाती के स्वाद, बनावट और पोषण में गहरा अंतर है। आइए जानें दोनों में क्या फर्क है और सेहत के लिए कौन है ज्यादा फायदेमंद।
| बिंदु | नाशपाती (Nashpati) | बाबूगोशा (Babugosha) |
|---|---|---|
| स्वाद | हल्का खट्टा-मीठा | पूरी तरह मीठा, रसदार |
| बनावट | थोड़ा कठोर, रेशेदार | मुलायम, बिना रेशे के |
| छिलका | मोटा और खुरदुरा | पतला और चिकना |
| रंग | हल्का हरा या पीला | हल्का सुनहरा या भूरा |
| बीज | कुछ ज्यादा | कम बीज |
डायजेशन में मददगार: इसमें मौजूद डाइटरी फाइबर पाचन को सुधारता है।
वजन घटाने में सहायक: कम कैलोरी और हाई फाइबर की वजह से वेट लॉस डाइट में परफेक्ट।
ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करता है: पोटैशियम से भरपूर नाशपाती हाई बीपी में लाभकारी है।
त्वचा को बनाए चमकदार: इसमें मौजूद एंटीऑक्सिडेंट्स स्किन को हेल्दी रखते हैं।
इम्यूनिटी बढ़ाता है: विटामिन C और मिनरल्स से भरपूर होने के कारण यह शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है।
हाइड्रेशन में मददगार: इसका रसदार स्वरूप शरीर में पानी की मात्रा बनाए रखता है।
नाशपाती को हल्के नमक या चाट मसाले के साथ खाया जा सकता है।
बाबूगोशा को फ्रूट सलाद, स्मूदी या डेजर्ट में भी इस्तेमाल किया जा सकता है।
दोनों ही फलों को सुबह के समय या लंच से पहले खाना अधिक फायदेमंद होता है।
दोनों ही फलों में पोषण भरपूर होता है। इनमें फाइबर, विटामिन C, पोटैशियम, और एंटीऑक्सिडेंट्स अच्छी मात्रा में पाए जाते हैं।अगर आप अपनी डेली डाइट में हेल्दी स्नैक्स शामिल करना चाहते हैं, तो नाशपाती और बाबूगोशा दोनों शानदार विकल्प हैं। डायबिटीज पेशेंट्स के लिए भी ये फल बेहतर हैं, क्योंकि इनमें नैचुरल शुगर होती है जो धीरे-धीरे पचती है।
Published on:
18 Jul 2025 02:57 pm
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