
Benefits of Okra Water
Okra Water Benefits: आजकल अगर आप सोशल मीडिया पर, खासकर फिटनेस या वेलनेस से जुड़े लोगों को फॉलो करते हैं, तो हो सकता है आपने एक अजीब सी चीज़ देखी हो - हरे रंग का गंदा सा पानी जिसमें भिंडी तैर रही हो ।
जी हां इसे 'भिंडी का पानी' कहते हैं। ये आजकल सेहत को लेकर एक नया ट्रेंड बन गया है जिसे देखकर कुछ लोग हैरान हैं और कुछ को हल्की घिन भी आ रही है। तो ये चिपचिपा हरा पानी क्या बला है? क्या ये सिर्फ इंटरनेट पर चलने वाला कोई नया क्रेज़ है, या इसके पीछे वाकई कोई सच्चाई है?
भिंडी का पानी जैसा नाम है, वैसा ही है - भिंडी की फलियों को रात भर (कुछ घंटों के लिए) पानी में भिगोकर रखा जाता है। ऐसा करने से भिंडी के अंदर का वो लसलसा पदार्थ (जिसे टेक्निकली 'म्यूसिलेज' कहते हैं) पानी में निकल जाता है। एक गाढ़ा जेली जैसा लिक्विड जिसे लोग पोषण का खजाना बता रहे हैं। इसे कुछ लोग पौधों से मिलने वाले कोलेजन या नैचुरल एनर्जी ड्रिंक जैसा मान रहे हैं।
भिंडी का पानी पीना नया नहीं है; कई जगह लोग इसे सदियों से पेट और ब्लड शुगर के लिए इस्तेमाल करते आ रहे हैं। पुराने नुस्खों की तरह ये भी अब मशहूर हो रहा है। लोग इसे इसलिए पी रहे हैं क्योंकि उनका मानना है कि ये फायदेमंद है, हालाँकि इस पर अभी और रिसर्च चल रही है।
जो लोग डायबिटीज या इंसुलिन रेसिस्टेंस से जूझ रहे हैं, उनके लिए ये ड्रिंक किसी वरदान से कम नहीं।
कुछ वैज्ञानिक अध्ययनों में पाया गया है कि भिंडी में मौजूद यौगिक आंतों में ग्लूकोज के अवशोषण को कम कर सकते हैं, जिससे खाने के बाद शुगर लेवल तेजी से नहीं बढ़ता।
भिंडी की चिपचिपाहट पाचन क्रिया को आसान बनाने में मदद करती है। ये पेट की परत को कोट करती है और आंतों को एक प्रकार की राहत देती है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती है, उनके लिए ये एक नैचुरल समाधान हो सकता है।
भिंडी में भरपूर मात्रा में विटामिन C, पोटैशियम, मैग्नीशियम और एंटीऑक्सिडेंट्स पाए जाते हैं। जब ये सब पानी में मिलते हैं, तो वो सादा पानी एक मिनरल-रीच हेल्थ ड्रिंक बन जाता है।
भिंडी का म्यूसिलेज एक बेहतरीन प्रीबायोटिक है। यानी ये आपके पेट के अच्छे बैक्टीरिया को खाना देता है। नतीजतन, बेहतर डाइजेशन, बेहतर मूड और मजबूत इम्यून सिस्टम।
भिंडी में पाए जाने वाले फ्लैवोनॉइड्स और पॉलीफेनोल्स जैसे एंटीऑक्सिडेंट्स शरीर की सूजन को कम करने में मदद कर सकते हैं। ये उन लोगों के लिए खास है जो जोड़ों के दर्द, हार्ट प्रॉब्लम या क्रॉनिक इंफ्लेमेशन जैसी समस्याओं से जूझ रहे हैं।
इससे पहले कि आप ढेर सारी भिंडी खरीदकर उसे पानी में भिगोना शुरू कर दें, ज़रा ठहरिए। कुछ बातें हैं जिन्हें आपको याद रखना चाहिए:
भिंडी में 'ऑक्सालेट' नाम का एक तत्व ज्यादा होता है। जिन लोगों को किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी) बनने की ज्यादा संभावना होती है, उनमें ये ऑक्सालेट पथरी बनाने में मदद कर सकता है। अगर आपको पहले कभी किडनी की दिक्कत रही है, तो इसे पीने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह ज़रूर लें।
वो चिपचिपा पदार्थ (म्यूसिलेज) कुछ लोगों के लिए पेट के लिए बहुत अच्छा हो सकता है, लेकिन कुछ के लिए ये आफत भी ला सकता है। कुछ लोगों को इसे पीने से पेट फूलने (ब्लोटिंग) या लूज मोशन (पतले दस्त) की शिकायत हो सकती है, खासकर अगर वे शुरुआत में ही ज़्यादा पी लें।
अगर आपको शुगर (डायबिटीज) है या कोई और पुरानी बीमारी है, तो अपनी दवाइयाँ छोड़कर सिर्फ भिंडी का पानी पीना शुरू न कर दें। ये सिर्फ मदद करने के लिए है, बीमारी का पूरा इलाज नहीं।
आपको चाहिए:
- 2 से 4 ताज़ी भिंडी की फलियां
- 1 कप पानी (कमरे के तापमान वाला या फिल्टर किया हुआ)
- स्वाद के लिए आप चाहें तो इसमें नींबू का रस, पुदीना या खीरा भी डाल सकते हैं।
बनाने का तरीका:
- सबसे पहले भिंडी को अच्छे से धो लें और उनके ऊपर-नीचे के किनारे (डंठल और पूंछ) काट दें।
- आप चाहें तो भिंडी को लंबाई में दो टुकड़ों में काट सकते हैं या फिर बस एक कांटे (fork) से उनमें कुछ छेद कर सकते हैं।
- इन भिंडी के टुकड़ों या छेदी हुई भिंडियों को एक गिलास पानी में डाल दें।
- इसे रात भर (कम से कम 8 घंटे के लिए) ऐसे ही रखा रहने दें ताकि भिंडी का लसलसापन पानी में आ जाए।
- सुबह उठकर भिंडी को पानी से बाहर निकाल दें और पानी को पी लें। पीने से पहले पानी को एक बार चम्मच से चला लें, क्योंकि लसलसापन नीचे बैठ सकता है।
रात भर भिगोई हुई भिंडियों को उसी पानी के साथ ब्लेंडर में डालकर पीस लें।
फिर इस घोल को छान लें और छानने के बाद जो पानी मिले, उसे पी लें।
यह तरीका थोड़ा ज़्यादा गाढ़ा होगा लेकिन माना जाता है कि ज़्यादा असरदार होता है।
बस हो गया आपका भिंडी का पानी तैयार
कौन सा ज्यादा फायदेमंद नारियल पानी या नींबू पानी ?
डिसक्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी केवल जागरूकता के लिए है और यह किसी चिकित्सा सलाह का विकल्प नहीं है। पाठकों को सलाह दी जाती है कि वे किसी भी दवा या उपचार को अपनाने से पहले विशेषज्ञ या डॉक्टर से सलाह लें।
Updated on:
07 May 2025 09:19 am
Published on:
06 May 2025 06:57 pm
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