Curd In Monsoon: भारत में मॉनसून ने दस्तक दे दी है। ऐसे में, मौसम के बदलाव के साथ शरीर में भी कई तरह के परिवर्तन होते हैं, जिसका असर हमारी सेहत पर पड़ता है। इस दौरान इम्युनिटी कमजोर हो सकती है, जिससे सर्दी-जुकाम और अन्य कई बीमारियां होने का खतरा बढ़ जाता है।
इन स्थितियों में, मॉनसून में कुछ चीजों के सेवन से परहेज करना चाहिए, और उनमें से एक है दही। जी हां, अक्सर लोगों के मन में यह सवाल उठता है कि क्या मॉनसून के दौरान दही का सेवन कर सकते हैं या नहीं। आइए जानते हैं आयुर्वेद के अनुसार, बारिश के मौसम में दही खा सकते हैं या नहीं।
आयुर्वेद के अनुसार, दही की तासीर गर्म होती है। यही कारण है कि बरसात के मौसम में इसके सेवन से बचने की सलाह दी जाती है। इस मौसम में डेयरी प्रोडक्ट्स में बैक्टीरिया के पनपने की संभावना अधिक होती है, जो सेहत को बिगाड़ सकते हैं।
मानसून के दौरान, हमारे शरीर का मेटाबॉलिज्म धीमा हो जाता है और पाचन शक्ति कमजोर पड़ जाती है। दही को पचाने में समय लगता है और यह भारी होता है। ऐसे में, जब पाचन क्रिया पहले से ही धीमी हो, तो दही का सेवन करने से यह ठीक से पच नहीं पाता, जिससे अपच, पेट फूलना और अन्य पाचन संबंधी समस्याएं हो सकती हैं।इसलिए, आयुर्वेद की मानें तो बरसात के मौसम में दही का सेवन फायदेमंद नहीं है।
बरसात में दही खाने से उन लोगों को परहेज करना चाहिए जिनका पाचन कमजोर है, जिन्हें अक्सर सर्दी-जुकाम या कफ की शिकायत रहती है, और जो जोड़ों के दर्द से पीड़ित हैं। इस मौसम में दही पचाना मुश्किल होता है और यह समस्याएँ बढ़ा सकता है।
दही एक बहुत ही सेहतमंद और पौष्टिक खाद्य पदार्थ है, लेकिन मानसून के मौसम में इसे सही तरीके से खाना बेहद ज़रूरी होता है। अगर आप दही को गलत तरीके से खाते हैं या इसे कुछ ऐसी चीजों के साथ मिलाते हैं, तो इसका असर उल्टा हो सकता है और आपके स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकता है।
इसलिए, ध्यान रखें कि सिट्रस फ्रूट्स से बचें, दही को ताजा खाएं और उसमें सही मसाले मिलाकर ही खाएं, जैसे कि जीरा, काला नमक, और काली मिर्च। आप इसमें नट्स भी मिलाकर खा सकते हैं। इससे आप दही का पूरा लाभ ले सकते हैं और बारिश के मौसम में आपकी सेहत भी बनी रहेगी।
डिसक्लेमरः इस लेख में दी गई जानकारी का उद्देश्य केवल रोगों और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के प्रति जागरूकता लाना है। यह किसी क्वालीफाइड मेडिकल ऑपिनियन का विकल्प नहीं है। इसलिए पाठकों को सलाह दी जाती है कि वह कोई भी दवा, उपचार या नुस्खे को अपनी मर्जी से ना आजमाएं बल्कि इस बारे में उस चिकित्सा पैथी से संबंधित एक्सपर्ट या डॉक्टर की सलाह जरूर ले लें।
Published on:
11 Jun 2025 08:40 am