
संध्या पूजा में कभी न करें ये गलतियां, सुख-समृद्धि की चाह है तो जान लें शाम की पूजा के ये कुछ खास नियम
हिंदू धर्म में तीन वेलाओं सुबह, दोपहर और शाम की पूजा करने का विधान है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार प्रातः काल की पूजा के साथ साथ संध्या पूजन का भी खास महत्व होता है। दिन भर के कार्यों के बाद शाम के समय वंदना से शुभ फल मिलने की मान्यता है। लेकिन संध्या की पूजा के समय कुछ खास बातों का ध्यान रखना भी जरूरी होता है ताकि जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे। तो आइए जानते हैं शाम की पूजा के समय कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए...
1. तुलसी दल अर्पित ना करें
पूजा के दौरान तुलसी के पत्तों का प्रयोग करना शुभ माना जाता है। मान्यता है कि भगवान विष्णु और कृष्ण भगवान को तुलसी बहुत प्रिय होती है। लेकिन शाम के समय कभी भी तुलसी की पत्तियों को नहीं तोड़ना चाहिए और ना ही पूजा में इनका इस्तेमाल करना चाहिए।
2. सूर्य देव की पूजा
शास्त्रों में बताया गया है कि सुबह-सुबह सूर्य देव को जल अर्पित करने और उनकी पूजा से शुभ परिणामों की प्राप्ति होती है। सूर्य देव को जीवन में आत्मविश्वास, ऊर्जा और तेज का कारक माना गया है। लेकिन संध्या के समय सूर्य देव को जल चढ़ाना या उनकी पूजा करना सही नहीं होता।
3. बिना दीपक जलाए पूजा न करें
जिस तरह आप सुबह के समय पूजा में धूप, दीपक आदि का उपयोग करते हैं। उसी प्रकार संध्या पूजन के समय भी बिना दीपक जलाए की गई पूजा अधूरी मानी जाती है।
4. फूल न तोड़ें
प्रातः काल की पूजा में ताजे फूल अर्पित करने का खास विधान होता है। जबकि शाम की पूजा में भगवान को फूल चढ़ाना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए ध्यान रखें कि शाम को पूजा करते समय भगवान को अर्पित करने के लिए फूल न तोड़ें।
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Updated on:
07 May 2022 01:04 pm
Published on:
07 May 2022 01:03 pm
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