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7 ऐसे तरीके जिनसे डॉक्टर हार्ट प्रोब्लेम्स को डायग्नोस और उनका ट्रीटमेंट करते हैं

Healthy Lifestyle : हार्ट डिजीज का इलाज अगर सही समय पर किया जाए तो बीमारी से जुड़े सिम्पटम्स को कम किया जा सकता है और हार्ट की प्रॉब्लम को बढ़ने से रोका जा सकता है। डॉक्टर हार्ट डिजीज के इलाज के लिए जो ट्रीटमेंट करते है उनमें लाइफस्टाइल चेंजेज, दवाइयां, मेडिकल टेस्ट्स और कुछ मामलों में सर्जिकल प्रोसीजर शामिल हैं। आइए इस आर्टिकल में जानते हैं इन ट्रीटमेंट्स के बारे में।

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This is how doctors treat your heart...

Health : दिल भले ही बच्चा हो पर दिल का ध्यान रखना बच्चों का खेल नहीं। इन दिनों कई जानलेवा मेडिकल केसेस आ रहे है जिनमे हार्ट डिजीज भी शामिल है। हमारी छोटी बड़ी आदत जैसे एक्सरसाइज नहीं करना, फ़ास्ट फ़ूड खाना, स्मोकिंग, ड्रिंकिंग इत्यादि अक्सर हमारे दिल के लिए जानलेवा बन जाती है। मेडिकल टर्म्स में बात करें तो हार्ट डिजीज कई तरह के कारणों से होते हैं जो हमारे हार्ट और हार्ट वेसल्स को एफेक्ट करते है। इनमें हार्ट मसल, ब्लड वेसल्स, और हार्ट के इलेक्ट्रिकल सिस्टम में प्रॉब्लम होना शामिल है। हार्ट डिजीज कई तरह के होते है जैसे अनियमित दिल की धड़कन जिसे एरिथमिया (Arrhythmias) कहते है, कोरोनरी आर्टरी डिजीज (CAD), हार्ट वाल्व डिजीज, हार्ट फेलियर और कंजेनिटल हार्ट डिफेक्ट्स। इन सब में से कोरोनरी आर्टरी डिजीज सबसे कॉमन है। डॉक्टर हार्ट डिजीज के इलाज के लिए जो ट्रीटमेंट करते है उनमें लाइफस्टाइल चेंजेज, दवाइयां, मेडिकल टेस्ट्स और कुछ मामलों में सर्जिकल प्रोसीजर शामिल हैं। अगर कोई स्पेसिफिक ट्रीटमेंट प्लान है तो वो पेशेंट की मेडिकल कंडीशन और उससे जुड़े रिस्क फैक्टर्स पर निर्भर करती है।


Medical History and Physical Examination : सबसे पहले डॉक्टर्स, पेशेंट की मेडिकल हिस्ट्री की जांच करते हैं। इसके बाद उसका फिजिकल एग्जामिनेशन जिसमे पेशेंट की हार्ट बीट और लंग्स को सुनना, उनका ब्लड प्रेशर चेक करना, और दूसरे टेस्ट करना शामिल है। इस एग्जामिनेशन से उन्हें हार्ट डिजीज के लक्षण (अगर कोई है ) का पता चलता है।

Electrocardiogram (ECG) : ईसीजी से हार्ट के एब्नार्मल रिथम्स जैसे एट्रियल फाइब्रिलेशन (atrial fibrillation) को डायग्नोस किया जाते हैं जिनसे हार्ट अटैक के लक्षण पता चलते हैं। यह एक नॉन -इनवेसिव टेस्ट (non-invasive test) है जो हार्ट की इलेक्ट्रिकल एक्टिविटी को मापता है।

Echocardiogram: इकोकार्डियोग्राम साउंड वेव्स (sound waves) का इस्तेमाल करते हुए हार्ट के इमेजेज बनता है। इसकी मदद से हार्ट वाल्व की प्रोब्लेम्स, हार्ट मसल अब्नोर्मलिटीज़ (muscle abnormalities) और अन्य स्ट्रक्चरल इश्यूज ( structural issues ) का पता चलता है।


Cardiac Catheterization
: कार्डियक कैथीटेराइजेशन एक मेडिकल प्रोसीजर है जिसमें कैथिटर को ब्लड वेसल में डालना और उसे हार्ट तक पहुंचाना शामिल है। यह कोरोनरी आर्टरी डिजीज (coronary artery disease), हार्ट वाल्व प्रोब्लेम्स (heart valve problems) और अन्य हार्ट कंडीशन (heart conditions) को डायग्नोस करके उसका ट्रीटमेंट करने में मदद कर सकता है।

Surgery : हार्ट डिजीज की गंभीरता के आधार पर सर्जरी आवश्यक हो सकती है। इसके कॉमन प्रोसीजर में कोरोनरी आर्टरी बाईपास ग्राफ्टिंग (CABG), वाल्व रिप्लेसमेंट या रिपेयर, और हार्ट ट्रांसप्लांट शामिल हैं।


Tablets and Medications
: आमतौर पर डॉक्टर हार्ट डिजीज को मैनेज करने के लिए दवाइयां लिखते हैं। जैसे ब्लड क्लॉट्स रोकने के लिए ब्लड थिनर्स, हार्ट रेट स्लो करने के लिए बीटा-ब्लॉकर्स और लोअर ब्लड प्रेशर के लिए एसीई इनहिबिटर्स (ACE inhibitors)।


Good Lifestyle Changes
: मेडिकल टेस्ट, मेडिसिन, सर्जरी के अलावा, डॉक्टर हार्ट डिजीज की रोकथाम के लिए लाइफस्टाइल में पॉजिटिव बदलाव लाने की बात कहते हैं। इसमें हार्ट के लिए हेल्थी डाइट, रेगुलर एक्सरसाइज, योग, मैडिटेशन, ब्रीथिंग एक्सेरसिजेज, स्ट्रेस मैनेजमेंट और स्मोकिंग और शराब से परहेज शामिल हैं।

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