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Signs of Anxiety: क्या है एंग्जाइटी के लक्षण और उपाय, जानें यहां

Signs of Anxiety: एंग्जायटी अटैक चिड़चिड़ापन, मसल टेंशन, नींद की कमी जैसी कई परेशानियों को जन्म दे सकता है। कई बार हेल्दी लाइफस्टाइल चेंजेज और फॅमिली व फ्रेंड्स के सपोर्ट से से एंग्जायटी को हराया जा सकता है। आज इस आर्टिकल में हम एंग्जाइटी के लक्षण और उसके उपाय साझा करेंगे।

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Signs of Anxiety: Understanding and Overcoming Symptoms

Signs of Anxiety: आजकल एंग्जायटी अटैक होना एक आम बात हो गयी हैं। एक्सपर्ट्स का कहना है की एंग्जायटी समय के साथ धीरे-धीरे नजर आती है और एक लंबे समय तक चल सकती है। एंग्जायटी अटैक के लक्षण धीरे-धीरे बढ़ने लगते हैं। इनमें बेचैनी, चिड़चिड़ापन, मसल टेंशन, नींद की कमी, अत्यधिक चिंता, डर, पसीना, कांपना, सांस की तकलीफ आदि शामिल हो सकते हैं। हर कोई अलग तरह से एंग्जायटी को अनुभव करता है, और जो उपचार एक व्यक्ति के लिए काम करता है वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता है। यदि आप काफी समय से एंग्जायटी से जूझ रहे हैं, तो किसी मेन्टल हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लें। हालांकि पॉजिटिव सोच, एक्सरसाइज, योग, ब्रीथिंग एक्सरसाइज और कुछ हेल्दी फूड्स का सहारा लेकर एंग्जायटी से आराम पाया जा सकता है। इसके अलावा किसी मेन्टल हेल्थ एक्सपर्ट की सलाह लेना मदद कर सकता है।


एंग्जाइटी के लक्षण और उपाय :

Overthinking / worrying
: एंग्जायटी अटैक होने के साथ ओवरथिंकिंग एक आम लक्षण है। ऐसे में आप ऐसी बातें सोचते है जिनका कोई प्रमाण नहीं है। अक्सर यह आपके दिमाग की सोच ही होती है। नेगेटिविटी घर कर लेती है। आप या तो अपने पास्ट में या फिर आने वाले फ्यूचर में रहते है। जब ऐसा हो तब अपने प्रेजेंट पर ध्यान दें। अभी जो सामने है उसपर कंसंट्रेशन करें।चिंता को बढ़ावा देने वाले किसी भी नकारात्मक विचार को दूर रखें , उसका सामना करें।

Insomnia: कई लोगों को एंग्जायटी के कारण नींद लेने में कठिनाई हो सकती है। इसके लिए अपना एक रूटीन सेट करना जरूरी है। सोने से पहले कैफीन लेना अवॉयड करें। साथ ही बैडरूम में इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे मोबाइल फोन, टीवी, लैपटॉप ले जाने से बचें। इसका टाइम रेस्ट्रिक्ट करें।

Muscle tension: चिंता से मसल में तनाव हो सकता है, जिससे दर्द और परेशानी बढ़ सकती है। बॉडी में मसल टेंशन को कम करने के लिए ब्रीथिंग प्रैक्टिस करें। योग से भी आराम मिलता है।

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Escapism:
जब एंग्जायटी अटैक होता है तो आपका मन किसी से मिलने को नहीं करता। आप ना सिर्फ लोगों से दूर भागना चाहते है बल्कि उन सब चीजों से भी भागते है जो आपके अंदर डर और चिंता को जन्म दे सकती है। आपको एंग्जायटी के ट्रिगर समझने होंगे और धीरे धीरे उनका सामना करने की कोशिश करनी होगी। जरूरत पड़ने पर एक्सपर्ट का सहारा लें।

Physical symptoms: चिंता के कारण दिल की धड़कन, पसीना और चक्कर आना जैसे फिजिकल इश्यूज हो सकते हैं। इन लक्षणों को बस में करने के लिए रेस्ट करें। नियमित एक्सरसाइज करें और कैफीन, सिगरेट पीने से बचें।

Uncontrollable thoughts: एंग्जायटी अक्सर उल-जुलूल विचारों को जन्म दे सकती है। कई बार इन विचारों को कंट्रोल करना मुश्किल हो सकता है। इन विचारों को बस में करने के लिए नकारात्मक व नेगेटिव विचारों से दूर रहे, उनको चुनौती दें। योग, मैडिटेशन का सहारा लें।


Absentmindedness: चिंता के कारण ध्यान केंद्रित करना मुश्किल हो सकता है। ऐसा ना हो इसके लिए काम को लेकर डिवाइड एंड रूल थ्योरी अपनाएं। काम को टुकड़ों में करें। उन्हें छोटे टुकड़ों में डिवाइड करने की कोशिश करें। कंसन्ट्रेट करने के लिए कुछ टेक्निक अपनाएं। यदि खुद से या परिवार की मदद से समस्या का हल नहीं हो रहा है तो किसी मेडिकल एक्सपर्ट को दिखाएं।

Grumpiness: बहुत ज़्यादा एंग्जायटी आपको इर्रिटेट कर सकती है और चिड़चिड़ा बना सकती है। इस दौरान आप आसानी से निराश महसूस करते है। इऐसा होने पर अपने एंग्जायटी ट्रिगर्स को पहचानें, उनका सामना करें। परिवार और खास दोस्तों के साथ रहे।

Panic attacks: एंग्जायटी कई बार पैनिक अटैक का कारण बन सकती है। एंग्जायटी की चरम सीमा है पैनिक अटैक जो बहुत ही परेशान करने वाला हो सकता है। ऐसे में ब्रीथिंग एक्सरसाइज प्रैक्टिस करें। गहरी सांस लें और छोड़ें। 'इस पल ' में जीएं, अपने दिमाग में नहीं। खुद को याद दिलाएं कि पैनिक अटैक गुजर जाएगा।


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