
Tourist Place(Symbolic Image-Freepik)
दिवाली के बाद देश के ज्यादातर शहर (दिल्ली-मुंबई) धुएं और स्मॉग की चादर में लिपट गए हैं। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली का औसत एयर क्वालिटी इंडेक्स 293 दर्ज किया गया, जबकि आनंद विहार में यह 453, वजीरपुर में 423 और द्वारका में 417 तक पहुंच गया। नोएडा में AQI 350 के ऊपर रहा और मुंबई में भी स्थिति चिंताजनक रही, जहां AQI लगभग 160 रिकॉर्ड किया गया। पहाड़ी शहर भी इससे बच नहीं पाए, देहरादून में AQI 218 और नैनीताल में 164 रहा। तो वहीं भारत में कुछ शहर ऐसे भी हैं जहां हवा अब भी एकदम ताजा है। इन जगहों का AQI 30 से भी नीचे है। ऐसे में आपके लिए भारत के इन पांच छिपे हुए स्वर्गीय स्थलों को जानना जरूरी है। प्रदूषण से दूर ये शहर वीकेंड ट्रिप के लिए आदर्श हैं। इन सभी शहरों का AQI लेवल बहुत कम है, यानी हवा काफी साफ है।
AQI यानी एयर क्वालिटी इंडेक्स, जो बताता है कि हवा में कितनी जहरीली या प्रदूषित है।
0-50:- बहुत साफ और सुरक्षित
51-100:- संतोषजनक
101-200:- थोड़ा प्रदूषित
201-300:- खराब
301-400:- बहुत खराब
401-500:- खतरनाक स्तर
एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) हवा में मौजूद प्रदूषक तत्वों की मात्रा को मापता है। इसे छह श्रेणियों में बांटा गया है, जो बहुत साफ से लेकर खतरनाक स्तर तक होती हैं। लंबे समय तक उच्च AQI में रहने से सांस की बीमारियां, हृदय रोग और अन्य स्वास्थ्य समस्याएं बढ़ सकती हैं।
शिलॉन्ग, मेघालय की राजधानी, अपने हरे-भरे पहाड़ों और झरनों के लिए प्रसिद्ध है। इसे ‘East का Scotland’ भी कहा जाता है। यहां की खूबसूरती और हरियाली देखकर ऐसा लगता है मानो शिलॉन्ग अपनी शांत वादियों में रहस्यमय सुकून समेटे हुए है। शिलॉन्ग का AQI मात्र 12 दर्ज किया गया है, यानि यहां की हवा बहुत साफ है।
मदिकेरी, कर्नाटक के कोडागु जिले में स्थित, 1452 मीटर की ऊंचाई पर बसा एक सुंदर हिल स्टेशन है। यहां के हरे भरे कॉफी के बागान, रंग-बिरंगे पेड़-पौधे और बादलों वाली घाटियां देखते ही बनती हैं। कूर्ग टूरिज्म के अनुसार, मदिकेरी को ‘भारत का स्कॉटलैंड’ और ‘दक्षिण का कश्मीर’ कहा जाता है, और यह सचमुच प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग से कम नहीं। यहां AQI 12 दर्ज किया गया है, यानी यहां की हवा भी साफ है।
पुडुचेरी या पॉन्डिचेरी, प्राचीन फ्रेंच कॉलोनी की पहचान वाला एक छोटा सा तटीय शहर है। रोमन टिक्स के बगीचों, रंगीन बंगलों और साफ समुद्र तटों के लिए मशहूर, यह शहर प्रदूषण से दूर आराम देने वाला माहौल प्रदान करता है। पुडुचेरी का AQI 18 है, जोकि अपेक्षाकृत कम प्रदूषण दिखाता है।
4. तिरुमला(आंध्र प्रदेश)- देवभूमि के नजारे और ताजी हवा
तिरुमला, आंध्र प्रदेश के तिरुपति शहर के पास हिमालयन पर्वतों से लगती शिविरग्राही पहाड़ियों में बसा एक धार्मिक पर्यटन स्थल है। यहां श्री वेंकटेश्वर स्वामी का विख्यात मंदिर है, जिसके दरबार में हर रोज लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। ऊंचाई पर स्थित होने के कारण तिरुमला में चारों ओर चाराद अभयारण्य की हरियाली फैली हुई है। यहां भी AQI 25 दर्ज किया गया है। साफ हवा के अलावा, तिरुमला की शांत वादियां और मंदिर का दिव्य माहौल मानसिक शांति भी देता है।
गंगटॉक, सिक्किम की राजधानी और जेवेल सिटी (रत्न नगर) के नाम से प्रसिद्ध, पूर्वी हिमालय के तलहटी में बसा एक शांत हिल स्टेशन है। यहां प्रदूषण बहुत कम है और दोपहर होते ही पहाड़ों से बधती ठंडी हवाएं पूरे शहर को छू जाती हैं। पहाड़ों की गोद में बसे इस शहर में बौद्ध मठ-मंदिर, झीलें और घने जंगल हैं, जो मन को सुकून का अहसास कराते हैं। जब प्रदूषण से बचने के लिए ताजगी की तलाश हो तो आप बेझिझक यहां जा सकते है।
जब देश के बड़े शहरों में हवा जहरीली हो चुकी है, तब इन शहरों में हवा की शुद्धता यहां की हरियाली, समुद्री और पर्वतीय वातावरण, कम जनसंख्या और स्थानीय पर्यावरण चेतना का नतीजा है। यहां की यात्रा सिर्फ शारीरिक स्वास्थ्य के लिए नहीं, बल्कि मानसिक ताजगी और सांस्कृतिक अनुभव के लिए भी लाभकारी है। शिलॉन्ग, मदिकेरी, तिरुमला और पुडुचेरी जैसे शहर ताजी हवा, प्राकृतिक सुंदरता और मानसिक सुकून का तोहफा दे रहे हैं। इस वीकेंड आप भी कहीं घूमने का ख्याल बना रहें हैं तो इन शहरों की सैर कर सकते हैं।
Updated on:
19 Nov 2025 05:00 pm
Published on:
19 Nov 2025 04:59 pm
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