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Women’s Day 2023 : आज है विमेंस डे, मल्टीटास्किंग नहीं, वर्कप्लेस पर अपनाएं डिवाइड एंड रूल मंत्र

Divide and rule at work place improves work efficiency : वर्क प्लेस पर सक्सेसफुल होना है तो मल्टी टास्किंग नहीं डिवाइड एंड रूल का मंत्र अपनाइए। ऐसा करने से ना सिर्फ आप अपने काम में सक्सेस पाएंगी बल्कि उस काम को बहुत बेहतरीन तरीके से करवा पाएंगी। आइए जानते है कैसे ब्रिटिशर्स के बनाये इस 'डिवाइड एंड रूल' पॉलिसी को हम डिस्ट्रक्टिव की बजाय कंस्ट्रक्टिवे तरीके से यूज कर सकते हैं।

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काम को सावधानी से डिवाइड करता है काबिल टीम लीडर ...

Dividing the work efficiently : लॉयर और अमेरिका की पूर्व प्रथम महिला मिशेल ओबामा ने एक बार कहा था 'हम महिलाएं क्या कुछ हासिल कर सकतीं हैं इसकी कोई सीमा नहीं है।' उनकी यह बात बिलकुल सही है। याद रहे इसका यह मतलब हरगिज नहीं है की आपको सब कुछ अकेले हासिल करना है। काम को सही दिशा देना और उसे सही लोगों के बीच डिवाइड करना भी एक बड़ा काम है। टीम मेंबर्स के बीच काम को सही तरीके से डिवाइड करना एक टीम लीडर की एफिशिएंसी बताता है। काम को इस तरह से टीम मेंबर्स के बीच डिवाइड करें जिससे काम सही तरीके से हो। ऐसा करने से टीम मेंबर्स को भी अपनी स्किल्स को पहचानने में और उन्हें सुधारने में मदद मिलेगी। आइए जानते है कैसे ब्रिटिशर्स के बनाये इस 'डिवाइड एंड रूल' पॉलिसी को हम डिस्ट्रक्टिव की बजाय कंस्ट्रक्टिवे तरीके से यूज कर सकते हैं।


Role and responsibility : टीम मेंबर को उनका रोल और रिस्पांसिबिलिटी के बेस पर काम सौंपे। टीम के हर मेंबर को जब सही ढंग से काम सौंपा जाए तब वे दिए गए काम के प्रति अपनी जिम्मेदारी समझते हैं। अपने रोल के मुताबिक काम करने से काम के प्रति डेडिकेशन और उसे करने का मोटिवेशन मिलता है।

Scope and Goals : काम को डिवाइड करने से पहले दिए गए काम का स्कोप क्लियर होना चाहिए। इसमें टाइम ड्यूरेशन, ऑब्जेक्टिव और रिसोर्सेज की समझ शामिल हैं। काम के बारे में इस तरह की क्लैरिटी होने से प्लानिंग और प्रोडक्टिविटी दोनों में मदद मिलती है। आपकी ही तरह आपकी टीम के गोल्स क्लियर होने चाहिए। ऐसा होने से आप दोनों ही आगे जाकर किसी भी कन्फ्यूजन से बच सकते हैं।

Skills and strenght : हर एक इंसान का अपना स्किल्ल्सेट और स्ट्रेंथ होता है। एक टीम लीडर होने के नाते अपनी टीम के टैलेंट, स्किल्स और काम में उनकी स्ट्रेंथ समझना जरूरी है। इससे उनकी एक्सपर्टीज के बेस पर उन्हें काम सौंपने में आसानी होगी। साथ ही ऐसा करने से ना केवल काम निर्धारित समय पर होगा पर काम की एफिशिएंसी भी बरकरार रहेगी।

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Work priority : किसी काम को करने से पहले उसकी प्रायोरिटी लेवल आंक लें। स्वाभाविक है की कुछ काम दूसरे कामों के मुकाबले ज़्यादा महत्वपूर्ण होते हैं। सौंपे जाने वाले कार्य को दो लेवल में डिवाइड कर लें; लेवल वन और लेवल टू। लेवल वन में वो काम रखें जो बेहद इम्पोर्टेन्ट हैं और उन्हें करने के लिए समय कम है। दूसरे लेवल में वो काम रखें जो जरूरी तो है पर उनकी कोई निर्धारित टाइमलाइन नहीं है। इसके बाद टीम मेंबर्स की स्किल्स, उनके एक्सपर्टीज और एफिशिएंसी के बूते पर उनमें काम डिवाइड करें ।

Tracking and deadline : किसी भी मौजूदा काम की ट्रैकिंग जरूरी है। ऐसा करने से काम के प्रोग्रेस की जानकारी रहती है साथ ही प्रोग्रेस के समय काम में आये प्रोब्लेम्स का सामना करना आसान होता है। काम की डेडलाइन निश्चित करने से हर तरह के चैलेंजेज को समझने और उसे सुलझाने में मदद मिलती है। रेगुलर ट्रैकिंग से यह भी निश्चित हो जाता है की आप और आपके टीम मेंबर एक ही दिशा में हैं और दोनों के गोल्स समान हैं।

Communication and motivation: काम डिवाइड करते समय और काम के दौरान टीम मेंबर्स के साथ क्लियर कम्युनिकेशन रखना जरूरी है। क्लियर कम्युनिकेशन से यह सुनिश्चित होगा की हर कोई रोले और रेस्पोंसिबिलिटी को ठीक तरह समझता है और उनके पास अपने कार्यों को पूरा करने के लिए जरूरी रिसोर्सेज हैं। रेगुलर कम्युनिकेशन से काम में आये हुए प्रॉब्लम को सॉल्व करने में आसानी होती है। इसके अलावा समय समय पर अपनी टीम को मोटिवेट करते रहें। इस बात को समझें की मोटीवेट करने का मतलब ज्ञान देना नहीं है। मोटिवेट करने के लिए उनकी सक्सेस पर उन्हें पॉजिटिव और कंस्ट्रक्टिवे फीडबैक दें, उनके स्किल्स की सराहना करें और उन्हें अपने काम में ग्रो होने का मौका दें।

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