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लखनऊ. कोरोना वायरस के चलते बच्चों के अभिभावकों पर स्कूल की फीस जमा करने का दबाव न बने इसके लिए 10 जिलाधिकारियों ने अपने-अपने जिले के सभी स्कूलों को निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके अंतर्गत यदि अभिभावक लॉकडाउन के चलते कारोबार, रोजगार ठप होने की वजह से स्कूल फीस देने में असमर्थ हैं, तो उसपर कोई भी स्कूल प्रबंधन जून तक दबाव नहीं बनाएगा। रविवार को लखनऊ, नोएडा, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर व आज़मगढ़ के जिलाधिकारियों ने आदेश जारी किया था। तो वहीं सोमवार को गाजियाबाद, उन्नाव, झांसी व फतेहपुर के जिलाधिकारियों ने अभिभावकों को इसे लेकर राहत दी।
लॉकडाउन में जहां सभी कारोबार और रोजगार के माध्याम बंद हैं, वहीं कई जिलों के स्कूल प्रबंधक अभिभावकों को फोन पर मैजेस के जरिए नए सत्र की पहली (अप्रैल, मई और जून) तिमाही की फीस जमा करने का दबाव बना रहे थे। इसका संज्ञान लेते हुए कई जिला प्रशासन ने यह कदम उठाया है। झांसी के जिलाधिकारी आंद्रा वामसी का कहना है कि इस समय सबसे ज्यादा जरूरी लोगों का अपने-अपने घरों में रहना है। यदि एक महीने पढ़ाई स्थगित भी होती है तो ये ज्यादा बड़ी समस्या नहीं होगी। उन्नाव जिलाधिकारी रविन्द्र कुमार ने कहा कि इस आपदा के समय जीवन की रक्षा करना सर्वोपरि है। फीस की वसूली बाद में की जानी चाहिए। यह समय इसके लिए अनुकूल नहीं है।
लखनऊ जिलाधिकारी अभिषेक प्रकाश ने यूपी आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 का उपयोग किया व आदेश दिया कि समस्त स्कूल अप्रैल, मई, जून की एडवांस फीस के लिए अभिभावकों पर कोई दवाब न बनाएं। ऑनलाइन क्लासेस जैसी चल रही हैं, उन्हें चलने दें। किसी भी छात्र-छात्रा को उससे वंचित न रखे। साथ ही फीस न मिलने के कारण किसी भी विद्यार्थी का स्कूल से नाम न काटें।
स्कूलों को निर्देश हैं कि वह इस तिमाही का फीस स्ट्रक्चर तैयार करें। आगामी माह की फीस जमा करने का सभी स्कूल अपने - अपने स्तर पर चार्ट तैयार करें और अभिभावकों को इससे अवगत कराएं।
Updated on:
07 Apr 2020 10:28 pm
Published on:
06 Apr 2020 09:44 pm
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