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योगी सरकार की नई पहल, दिव्यांगों के लिए यूपी में 18 नए प्री-प्राइमरी स्कूल

-12 सामान्य स्कूल दिव्यांगों के अनुकूल खोले जाएंग-विशेष बच्चों को जारी किया जाएगा यूडीआइडी कार्ड-परिवहन निगम की बसों में दिव्यांगों को निशुल्क यात्रा सुविधा

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लखनऊ

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Akansha Singh

Jul 27, 2019

LUCKNOW

योगी सरकार की नई पहल, दिव्यांगों के लिए यूपी में 18 नए प्री-प्राइमरी स्कूल

लखनऊ. योगी आदित्यनाथ सरकार (Yogi Adityanath Government) ने दिव्यांग बच्चों को शिक्षित करने के लिए नयी पहल की है। इसके तहत शैक्षिक संस्थानों को दिव्यांगों के लिए सुलभ बनाने की योजना है। राज्य सरकार (UP Government) उप्र में दिव्यांग बच्चों के लिए 18 नए प्री-प्राइमरी स्कूल स्कूल खोलने जा रही है। इन स्कूलों में दिव्यांग बच्चों को उसी प्रकार शिक्षित किया जाएगा जैसे सामान्य बच्चों को पढ़ाया जाता है। इसके अलावा 12 स्कूल ऐसे खोले जाएंगे जिनमें दिव्यांग बच्चों के साथ सामान्य व मानसिक तौर पर असामान्य बच्चों को भी शिक्षित किया जाएगा। इन सभी स्कूलों का खर्च सरकार वहन करेगी।

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दिव्यांगों के प्रति संवेदनशील योगी सरकार ने कॉक्लियर इंप्लांट सर्जरी (Colecture implant surgery) से गुजर रहे बच्चों को वित्तीय सहायता प्रदान करने की भी योजना बनाई है। इन सभी बच्चों को विशेष अद्वितीय विकलांगता पहचान (यूडीआईडी) (UDID) कार्ड भी जारी किए जाएंगे। अभी तक विकलांगता का प्रमाण पत्र मुख्य चिकित्सा अधिकारियों द्वारा जारी किया जाता था। जिन्हें केवल राज्य के भीतर मान्यता प्राप्त थी। इसकी वजह से वह अन्य राज्यों में दिव्यांगों को मिलने वाली सुविधा प्राप्त नहीं कर पाते थे।

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यूपी में 43 लाख दिव्यांग
अतिरिक्त मुख्य सचिव महेश गुप्ता ने बताया कि 2011 की जनगणना में उत्तर प्रदेश में लगभग 43 लाख दिव्यांग पाए गये थे। जो देश की कुल 2.68 करोड़ आबादी का 16 प्रतिशत है। 2011 की जनगणना से यह भी पता चलता है कि तीन राज्यों- उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और बिहार में एक साथ देश के 50 प्रतिशत ऐसे बच्चे हैं जिनकी उम्र 6 वर्ष से कम हैं, और इनमें से 29 प्रतिशत बच्चे अपनी विकलांगता की वजह से स्कूल नहीं जा पाए।

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दिव्यांगों के लिए काम
यूपी सरकार ने विकलांगों की मासिक पेंशन 300 रुपए से बढ़ाकर 500 रुपए कर दी है। यूपीएसआरटीसी (UPSRTC) की बसों में दिव्यांगों को मुफ्त यात्रा सुनिश्चित की गयी है। उनकी विकलांगता को ठीक करने और कृत्रिम अंग और उपकरण प्रदान करने के लिए सर्जरी के लिए दिव्यांगों को वित्तीय सहायता बढ़ाई है। कुछ लोगों को छोडकऱ, जो अच्छे परिवारों से आते हैं, बहुसंख्यक अलग-अलग सामाजिक-आर्थिक स्तर पर पीडि़त हैं और कई को उनके परिवारों द्वारा एक दायित्व के रूप में माना जाता है। गुप्ता ने कहा कि नई रणनीति उन्हें मुख्य धारा में लाने और बचपन से ही सरकार के हस्तक्षेप से उन्हें कार्यशील बनाना है।

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विशेष विद्यालयों का संचालन
- उप्र में प्री-प्राइमरी शिक्षा हेतु बचपन डे केयर सेन्टर्स का संचालन
- दिव्यांगता की श्रेणी के अनुरूप प्रयास विद्यालय (चलन क्रिया दिव्यांगता हेतु), ममता विद्यालय (मानसिक मंदित हेतु), संकेत विद्यालय (मूक बधिर हेतु) तथा स्पर्श विद्यालय (दृष्टिबाधित हेतु) का संचालन
- समावेशी शिक्षा (विकलांग छात्रों एवं सामान्य छात्रों) के अन्तर्गत इंटरमीडिएट कालेज (कक्षा-6 से 12 तक) की स्थापना
- उच्च शिक्षा हेतु डॉ. शकुन्तला मिश्रा राष्ट्रीय पुनर्वास विश्वविद्यालय का संचालन
- संकेत (राजकीय मूक बधिर विद्यालय)
- स्पर्श (बालक /बालिकाओं के लिए राजकीय दृष्टिबाधित विद्यालय)
- ममता (मानसिक रूप से चुनौतीग्रस्त बालकों/बालिकाओं का राजकीय विद्यालय)
- प्रयास (शारीरिक रूप से अक्षम बालकों का लिए राजकीय विद्यालय)