30 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Patrika Positive News : कोविड काल में खुली नयी राह, उत्तर प्रदेश में 22 लाख महिलाओं को मिलेगा रोजगार

Patrika Positive News: उत्तर प्रदेश में कोरोना (Coronavirus) संकट के बीच राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (State Rural Livelihoods Mission) साल 2021-2022 में 22 लाख ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ेगा। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश को इस साल 2 लाख महिला स्वयं सहायता समूह गठित करने का लक्ष्य दिया है।

2 min read
Google source verification

लखनऊ

image

Nitin Srivastva

May 12, 2021

कोविड काल में खुली नयी राह, उत्तर प्रदेश में 22 लाख महिलाओं को मिलेगा स्वरोजगार

कोविड काल में खुली नयी राह, उत्तर प्रदेश में 22 लाख महिलाओं को मिलेगा स्वरोजगार

लखनऊ. Patrika Positive News: कोरोना (Coronavirus) के इस कठिन संकट के समय में भी महिलाओं के लिए रोजगार और स्वरोजगार की नयी राहें खुल रही हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश में राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (State Rural Livelihoods Mission) साल 2021-2022 में 22 लाख ग्रामीण महिलाओं को स्वरोजगार से जोड़ेगा। केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश को इस साल 2 लाख महिला स्वयं सहायता समूह गठित करने का लक्ष्य दिया है। आपको बता दें कि बीते वित्तीय वर्ष में भी कोविड काल के दौरान प्रदेश में 1 लाख 10 हजार समूह गठित कर 12 लाख से ज्यादा महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराया जा चुका है।

आत्मनिर्भर बनीं 1 लाख 10 हजार महिलाएं

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार के मुताबिक बीते साल 2 लाख समूह गठित करने का लक्ष्य दिया गया था, लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संकट के चलते उत्तर प्रदेश की ओर से लक्ष्य को कम करने का आग्रह केंद्र सरकार से किया गया। इस पर केंद्र सरकार ने एक लाख समूह गठित करने का लक्ष्य दिया। बीते वित्तीय वर्ष में उत्तर प्रदेश में 1 लाख 10 हजार समूह गठित कर नए-नए सेक्टर में महिलाओं को रोजगार और स्वरोजगार से जोड़ा गया।

इन सेक्टरों में मिला रोजगार

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के निदेशक सुजीत कुमार ने बताया कि इनमें 58 हजार महिलाओं को बैंकिंग सखी नियुक्त किया गया। 67 हजार महिलाओं को आंगनवाड़ी केंद्रों में पुष्टाहार वितरण की जिम्मेदारी सौंपी गई। इसके अलावा बिजली के बिल संग्रहण, स्कूल यूनिफार्म निर्माण, राशन की दुकानों के संचालन, मास्क, पीपीई किट और सैनिटाइजर बनाने के काम में भी महिलाओं को जोड़ा गया। महिलाओं को दूसरे क्षेत्रों में भी रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने का प्रयास किया जा रहा है।

652 महिलाएं चलाएंगी गांव की सरकार
प्रदेश में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने ऊंची उड़ान भरी है। प्रदेश में हालही में हुए पंचायत चुनावों (Swayam Sahayata Samuh UP Panchayat Election) में भी स्वयं सहायता समूह की 1534 महिलाएं निर्वाचित हुई हैं। ये महिलाएं खुद आत्मनिर्भर बनने के साथ अब गांव की पंचायतों में भी अहम भूमिका निभाएंगी। सरकार स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं को विभिन्न अवसरों पर प्रेरित करती रही है। प्रदेश में महिलाओं के सशक्तीकरण के लिए कई महत्वपूर्ण कदम भी उठाए गए हैं। पूरे प्रदेश में पंचायत चुनावों में स्वयं सहायता समूह की कुल 3521 महिलाओं ने विभिन्न पदों के लिए तकदीर को आजमाया था, जिसमें से 1534 ने चुनाव जीता। आजीविका मिशन के मिशन निदेशक सुजीत कुमार के मुताबिक 11 जिलों में स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने जीत दर्ज की है। ग्राम प्रधान पद के लिए 1791 महिलाओं में से 662 ने विजय हासिल की। क्षेत्र पंचायत सदस्य पद के लिए 1140 महिलाओं में से 476 निर्वाचित हुई। जिला पंचायत सदस्य पद के लिए 68 महिलाओं में 22 महिलाएं विजयी हुई हैं और छह दूसरे नंबर पर रहीं।

यह भी पढ़ें: Patrika Positivity : लखनऊ में कोरोना मरीजों के लिए ऑटो एंबुलेंस की सुविधा शुरू, 24 घंटे फ्री सेवा के लिए ये हैं हेल्पलाइन नंबर