script71 मामले दर्ज, लेकिन अपराधियों की Top 10 सूची में विकास दुबे का नाम तक नहीं, सीएम की बैठक में खुलासा | 71 cases registered yet Vikas Dubey not in top 10 criminal list | Patrika News

71 मामले दर्ज, लेकिन अपराधियों की Top 10 सूची में विकास दुबे का नाम तक नहीं, सीएम की बैठक में खुलासा

locationलखनऊPublished: Jul 05, 2020 04:24:33 pm

Submitted by:

Abhishek Gupta

यह हैरानी करने वाली बात है कि कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) में आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या (Murder) करने वाला कुख्यात बदमाश विकास दुबे (Vikas Dubey) जिले क्या थाने की भी टॉप 10 अपराधियों की सूची से गायब रहा।

Vikas Dubey

Vikas Dubey

लखनऊ. कानपुर एनकाउंटर (Kanpur Encounter) में आठ पुलिसकर्मियों की बेरहमी से हत्या (Murder) करने वाला कुख्यात बदमाश विकास दुबे (Vikas Dubey) जिले क्या थाने की भी टॉप 10 अपराधियों की सूची से गायब रहा। सीएम योगी (CM Yogi) की बैठक में इस बात का खुलासा हुआ। हत्या, फिरौती और रंगदारी जैसे 71 मुकदमों में आरोपी विकास दुबे का नाम लिस्ट में शामिल न होने के कारण भी पुलिस ने उसे हल्के में लिया। इस बात को अस्तपाल में अपना इलाज करा रहे बिठूर एसओ ने भी माना। उसका कहना है कि टीम ने मामले में गंभीरता से नहीं लिया था। वरना इतनी बड़ी वारदात न हो पाती। ब्रिफिंग का काम चौबेपुर थाने के एसओ का था, जिसके क्षेत्र में का यह मामला था। हम लोग तो केवल सहयोग करने के लिए गए थे। कौशलेंद्र प्रताप सिंह ने साफ कहा कि चौबेपुर एसओ को हमें बताना चाहिए था कि विकास दुबे किस किस्म का अपराधी है। सिंह ने कहा कि विनय एनकाउंटर के दौरान सबसे पीछे थे। इस हत्याकांड के बाद चौबेपुर एसओ विनय तिवारी को निलंबित भी कर दिया है।
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पुलिस ने उसे गैंगस्टर के रूप में नहीं स्वीकारा-

शनिवार को हुई बैठक में सीएम योगी व सभी जोन के एडीजी शामिल थे। वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए हुई मीटिंग में यह पता चला कि कानपुर के टॉप-10 अपराधियों में विकास दुबे का नाम तक नहीं था। चौबेपुर थाने के भी टॉप-10 अपराधियों की लिस्ट में विकास का नाम गायब था। यही नहीं पुलिस ने अबतक उसके गैंग को भी स्वीकार नहीं किया था। इन सभी बातों से प्रतीत होता है कि सियासत से लेकर पुलिस विभाग तक विकास पहुंची थी। इसी कारण उसके जुर्मों की लिस्ट सार्वजनिक नहीं हो सकी और व अपने काले साम्राज्य का विस्तार करता गया। सीएम योगी की सरकार आने पर ‘ऑपरेशन क्लीन’ भी चलाया गया था, लेकिन विकास एक बार भी पुलिस के टारगेट पर नहीं आ पाया।
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कानपुर के एसएसपी दिनेश पी को भी यह नहीं पता था कि जिस आरोपी के घर पुलिस दबिश के लिए जा रही है वह कितना बड़ा बदमाश है। उसके खिलाफ कितने मुकदमे दर्ज हैं या वह जिले के टॉप-10 अपराधियों की लिस्ट में शामिल है या नहीं।
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