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2019 चुनाव से पहले योगी सरकार ने खोल दिया नौकरियों का पिटारा, निकाली 95000 पदों पर भर्तियां

2019 चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिये नौकरी का पिटारा खोल दिया है।

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लखनऊ

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Akansha Singh

Aug 28, 2018

lucknow

2019 चुनाव से पहले योगी सरकार ने खोल दिया नौकरियों का पिटारा, निकाली 95000 पदों पर भर्तियां

लखनऊ. 2019 चुनाव से पहले प्रदेश सरकार ने युवाओं के लिये नौकरी का पिटारा खोल दिया है। 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश में 95000 शिक्षकों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए प्रदेश सरकार ने काम शुरू कर दिया है। यह भर्ती दिसंबर से पहले कराने की योजना बनाई गई है। सरकार का कहना है कि चुनाव की अधिसूचना जारी होने से पहले भर्ती की शुरुआत कर दी जाए। अभी तक शिक्षकों की भर्ती फरवरी 2019 में करने की योजना बनाई गई थी लेकिन 2019 के चुनाव में कुछ परेशानी ना आए इस वजह से चुनाव से पहले सरकार शिक्षकों की भर्ती प्रक्रिया पूरी कर लेना चाहती है।

दिसम्बर में होगी परीक्षा
2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर भर्ती को दिसंबर से पहले करने पर विचार चल रहा है। बीते दिनों हुई एक उच्च स्तरीय बैठक में परीक्षा नियामक प्राधिकारी और बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव को भर्ती जल्द कराने के लिए आवश्यक तैयारियां कराने के निर्देश दिए गए हैं। अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में TET 2018 की परीक्षा ली जाएगी। जिसके बाद नवंबर में रिजल्ट के साथ ही भर्ती का विज्ञापन जारी होगा। शिक्षामित्रों का समायोजन निरस्त होने के बाद 137000 शिक्षकों के पद रिक्त हो गए थे। इन पदों पर दो चक्रों में भर्ती की योजना है। 68,500 पदों पर भर्ती चल रही है। लेकिन इस भर्ती में केवल 41555 अभ्यर्थी पात्र पाए गए हैं। लिहाजा बचे हुए 26945 पद अगले 68500 पदों में जोड़ दिया जाएगा। जिससे कुल मिलाकर 95,445 पदों पर भर्ती की जाएगी।

38 प्रतिशत पद सामान्य वर्ग को मिलेंगे
बेसिक शिक्षा परिषद के प्राथमिक स्कूलों में 41556 सहायक अध्यापकों की भर्ती में 62 फीसदी आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों को नौकरी मिलने जा रही है। सामान्य वर्ग के 38 प्रतिशत अभ्यर्थी ही इस भर्ती की रेस में शामिल हैं। सामान्य वर्ग के अभ्यर्थियों को फायदा दिलाने के लिए 68500 लिखित परीक्षा का कट ऑफ 45/40 कर दिया गया। इसके चलते 33/30 अंक पाने वाले बड़ी संख्या में ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के अभ्यर्थी भर्ती की रेस से बाहर हो गए। इससे साफ है कि नौकरी की रेस में 62 प्रतिशत ओबीसी, एससी-एसटी वर्ग के बेरोजगार हैं।