
पांच विभागों के 563 अफसरों की जाएगी नौकरी, भ्रष्टाचार से बनाई है अकूत सम्पत्ति
लखनऊ. उत्तर प्रदेश में भ्रष्टाचार के खिलाफ जल्द ही बड़ा ऐक्शन देखने को मिल सकता है। दरअसल ऐसे कई मामलों में जांच कर रही अलग-अलग एजेंसियां जल्द ही ऐसे 563 सरकारी अधिकारियों और कर्मियों पर कार्रवाई करने जा रही हैं जो कहीं न कहीं भ्रष्टाचार के मामले में लिप्त हैं। जानकारी के मुताबिक अगले दो हफ्तों के अंदर ही ऐसे सभी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एजेंसियों को शासन की अनुमति मिल जाएगी। दरअसल यूपी के मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय ने स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक की और सभी मामलों में चल रही जांच की प्रगति के बारे में जानकारी ली।
इन अधिकारियों पर होगी कार्रवाई
जिन अधिकारियों और कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई होनी हैं उनमें 203 लोकसेवक तो बलिया के अनाज घोटाले से ही जुड़े हैं। इसके अलावा 32 अधिकारी और कर्मचारी ग्रामीण विकास के हैं जिनके खिलाफ अभियोजन स्वीकृति मिलनी है। वहीं सहकारिता और समाज कल्याण के 12-12, स्वास्थ्य के 11 और कृषि के 10 लोकसेवक भी कार्रवाई के लपेटे में हैं। इसके अलावा अलग-अलग विभाग के 61 मामलों में 134 अफसर ऐसे फंसे हैं जो विजिलेंस में भ्रष्टाचार से जुड़े हैं। जिनमें से 10 से ज्यादा चिकित्सा, माध्यमिक शिक्षा, सिंचाई, राजस्व और वन विभाग के हैं।
रडार पर यह अधिकारी भी
इसके अलावा आपको बता दें कि सीबीसीआईडी के 21 मामलों में 85 सरकारी अधिकारियों और कर्मचारियों पर भी कार्रवाई होनी है। इनमें 14 मामले गृह विभाग यानी पुलिस से जुड़े हैं। जिसमें सबसे बड़ा मामला रीता बहुगुणा जोशी के घर पर हुई आगजनी और उसमें बेगुनाहों को जेल भेजने से जुड़ा है। इसमें एडीजी जोन बरेली आईपीएस प्रेम प्रकाश और एसपी उन्नाव हरीश कुमार मुख्य आरोपी हैं। इनके खिलाफ भी करीब बीते तीन सालों से मामला दर्ज करने की स्वीकृति गृह विभाग में लटकी है। जानकारी के मुताबिक जल्द ही इन आरोपियों का पक्ष सुना जाएगा और आखिरी फैसला होगा।
अगले विधान सत्र से पहले होगा निपटारा
वहीं लोकायुक्त के पास चल रहे कई विभागों से जुड़े 78 विशेष प्रतिवेदन के मामलों को अगले विधानसभा सत्र से पहले निपटाने के भी आदेश हो गए हैं। मुख्य सचिव अनूप चंद्र पांडेय की स्पेशल टास्क फोर्स की बैठक में लोकायुक्त के यहां से जुड़े कई मामलों पर भी चर्चा हुई। इसमें 10 राजस्व, 10 ग्राम विकास विभाग, 14 गोपन, 12 बेसिक शिक्षा और चार मामले गृह विभाग के हैं।
Published on:
16 Sept 2018 10:49 am
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