
PM Narendra Modi and Mayawati
वाराणसी. यह सियासत है यहां पर कुछ भी हो सकता है। कौन कब किसका करीबी रहेगा। यह कोई नहीं बता सकता है। सोशल मीडिया के इस दौर में तमाम तरह की बाते सामने आती है और अगले ही पल बदल जाती है। वर्तमान में यूपी की दो बड़ी पार्टियों के करीब आने से प्रदेश व देश का सियासी माहौल बदला हुआ है इसी बीच राजनीति हलको में यह खबर भी तेजी से फैल रही है कि महागठबंधन की बड़ी पार्टी बसपा बीजेपी के भी सम्पर्क में है। बीएसपी के कई नेता दबी जुबान इस बात की पुष्टि कर रहे हैं। चर्चा है कि बसपा के बड़े नेता अमित शाह व उनकी टीम से लगातार संपर्क में है। सूत्र यहां तक भी बता रहे हैं कि कई बार नेताओं में बातचीत भी हो चुकी है। इसमे कितनी सच्चाई है यह तो आने वाला वक्त ही बतायेगा। बहराल इस खबर की चर्चा ने सियासी भूचाल लाना शुरू कर दिया है।
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पीएम नरेन्द्र मोदी को चुनाव हराने के लिए राहुल गांधी व अखिलेश यादव ने महागठबंधन किया है। महागठबंधन में सबसे अधिक सीट बसपा को देने की तैयारी भी है इसके बाद भी बसपा सुप्रीमो ने महागठबंधन में शामिल होने पर अंतिम मुहर नहीं लगायी है। पेट्रोल व डीजल की लगातार मूल्य वृद्धि होने से विरोधी दलों ने लगातार बीजेपी पर निशाना साधा है। इसी बीच बसपा सुप्रीमो मायावती ने पेट्रोल पदार्थ मूल्य वृद्धि के लिए कांग्रेस की यूपीए सरकार की नीति को जिम्मेदार ठहराया है और इसी नीति को बीजेपी आगे बढ़ा रही है। बसपा सुप्रीमो के बयान से साफ हो जाता है कि पेट्रो पदार्थ की मूल्य वृद्धि के लिए कांग्रेस ही जिम्मेदार है। बसपा सुप्रीमो मायावती का बयान ऐसे समय आया है जब चुनाव तैयारियों को लेकर बीजेपी व अन्य दल एक-दूसरे पर हमला करने का कोई मौका नहीं छोड़ रहे हैं।
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एससी/एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने के बाद बीजेपी के प्रति बदल रहा नजरिया
बीएसपी ने पीएम मोदी सरकार को एससी/एसटी विरोधी बताया था और संसद से लेकर सड़क तक पर इस मुद्दे को लेकर बीजेपी पर हमला बोला था। पीएम मोदी सरकार के एससी/एसटी एक्ट पर अध्यादेश लाने के बाद बसपा का तेवर नरम पड़ गया है। बीजेपी ने एससी/एसटी एक्ट विरोधी पार्टी होने की छवि से काफी हद तक छुटकारा पा लिया है इसलिए बसपा के लिए बीजेपी अब पहले जैसी विरोधी पार्टी नहीं रह गयी है।
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सीएम योगी सरकार ने किया है भीम आर्मी संस्थापक रावण को रिहा
सवर्ण से लेकर पिछड़ा वर्ग के लोग एससी/एसटी एक्ट को लेकर बीजेपी को घेरने में जुटे हुए हैं उसी समय सीएम योगी आदित्यनाथ सरकार ने भीम आर्मी के संस्थापक चन्द्रशेखर को रिहा कर एक और एससी/एसटी एक्ट कार्ड खेला है। सूत्रों की माने तो बीजेपी का एससी/एसटी एक्ट प्रेम देखते हुए बसपा के एक वरिष्ठ नेता इन दिनों भारतीय जनता पार्टी के बड़े नेता से संपर्क में है। यदि चर्चा सही है और बीजेपी व बीएसपी में गठबंधन हो जाता है तो दोनों ही दल को बड़ा फायदा हो सकता है। बीजेपी को यूपी में अपनी स्थिति मजबूत करने में आसानी होगी। साथ ही बीएसपी भी प्रदेश के बाहर अन्य राज्यों में होने वाले चुनाव में अच्छा प्रदर्शन कर पायेगी।
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Published on:
15 Sept 2018 06:45 pm
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