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ऑपरेशन बाबू साहब:भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ एक्शन, कानपुर-लखनऊ में बड़ी छापेमारी

उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में 'ऑपरेशन बाबू साहब' की शुरुआत की है। आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है।

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Income Tax Raid

उत्तर प्रदेश सरकार भ्रष्ट अफसरों के खिलाफ लगातार कार्रवाई कर रही है। इसी कड़ी में 'ऑपरेशन बाबू साहब' की शुरुआत की है। आयकर विभाग ने उत्तर प्रदेश के अलग-अलग ठिकानों पर छापेमारी की है। राजधानी लखनऊ, बाराबंकी और कानपुर में भ्रष्ट अफसरों के ठिकानों पर छापेमारी की गई। रविवार को भी यह रेड जारी रही जिसमें कानपुर में तैनात उद्योग निदेशालय के उपायुक्त राजेंद्र सिंह यादव भी आ गए। आयकर की टीम दो दिनों से उनके सरकारी आवास पर छापेमारी कर रही है। सिर्फ उत्तर प्रदेश में ही नहीं बल्कि दिल्ली और कोलकाता के भी कई ठिकाने शामिल हैं। तीन दिन से चल रही कार्रवाई में शनिवार को भी कई ठिकानों पर रेड डाली गई।

अन्य राज्यों में भी आयकर विभाग के अधिकारियों ने रेड डाली

यूपी के कई शहरों समेत अन्य राज्यों में आयकर विभाग के अधिकारियों ने रेड डाली। यूपी के अधिकारियों में उद्योग और उद्यमिता विभाग के बड़े अधिकारियों के ठिकानों पर छापेमारी की गई। छापेमारी उन अधिकारियों के ठिकानों पर की गई है, जो सरकारी योजनाओं में घोटाले कर रहे हैं। ऐसे अफसरों में यूपी के वरिष्ठ नौकरशाह जैसे उपायुक्त राजेश यादव, प्रवीण सिंह, उद्योग विभाग के एक मैनेजिंग डायरेक्टर आदि के नाम शामिल हैं। यादव के कंपनी बाग चौराहा स्थित आवास पर भी रेड मारी गई।

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आयकर विभाग की रेड से अफसरों में बेचैनी

इससे पहले गोल्डन बास्केट फर्म से जुड़े अंचित मंगलानी और प्रतिभा यादव के आवासों पर भी रेड डाली थी। इसके बाद से ही यूपी के अफसरों में बेचैनी देखी जा रही है। आयकर की टीम को वहां से कुछ ऐसे साक्ष्य मिले हैं जिसकी चपेट में कानपुर में तैनात उद्योग निदेशालय के उपायुक्त राजेन्द्र सिंह यादव भी आ गये। राजेंद्र यादव पर आरोप है कि गोल्डन बास्केट फर्म जो मशीनों की सप्लाई करती है, उसको उन्होंने ठेका दिया था। ठेके में कई प्रकार की अनियमितताएं सामने आईं हैं। हालांकि उपायुक्त की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन यह साफ है कि आयकर बिना किसी ठोस लिंक के उपायुक्त के यहां पर कार्रवाई नहीं करती। गोल्डन बास्केट फर्म सरकार की विश्वकर्मा योजना के तहत मशीन टूल की सप्लाई विभागों में करती है। यह योजना भी उपायुक्त के अधीन आती है।