
उत्तर प्रदेश की योगी सरकार प्रदेश में अवैध निर्माणों को लेकर कितना सख्त है, इस बात का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि आए दिन प्रदेश में अवैध निर्माणों को ध्वस्त किया जा रहा है। हाल ही में प्रदेश की राजधानी लखनऊ में अवैध तरीके से बने होटल लेवाना सुइट्स में अग्निकांड की घटना ने चार लोगों की जान ले ली। जिसके बाद सरकार और शासन अधिक सख्त हो गई है। इसी कड़ी में अब विकास प्राधिकरणों को शहरी क्षेत्रों में बने मॉल, कोचिंग सेंटर एवं निजी अस्पतालों समेत होटलों और अन्य बड़े आवासीय व व्यवसायिक भवनों की जांच करने के लिए कहा गया है। साथ ही ये भी निर्देश दिए गए हैं कि जहां भी अवैध निर्माण बनाए गए हों, ऐसे भवनों को तुरंत ही सील किया जाए।
अवैध भवन को सील करने के दिए निर्देश
बता दें कि बुधवार को प्रमुख सचिव आवास नितिन रमेश गोकर्ण ने सभी विकास प्राधिकरणों के उपाध्यक्ष और सचिव के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग मीटिंग रखी। इस दौरान उन्होंने निर्देश दिए कि जांच के दौरान यह जरूर देखा जाए कि संबंधित भवनों का निर्माण मानकों के मुताबिक हुआ है या नहीं। प्रमुख सचिव ने कहा कि यदि जांच में भवनों का निर्माण मानक के विपरीत निर्माण मिले तो भवन स्वामी को नोटिस देकर खामियों को दूर करने को कहा जाए। इस पर भी वह नहीं मानता है तो भवन को सील करने और अवैध हिस्से को तत्काल ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की जाए।
प्रदेश भर में करीब पौने दो लांख अवैध निर्माण
इस दौरान प्रमुख सचिव ने सभी प्राधिकरण के अधिकारियों से उनके कार्यक्षेत्र में अवैध निर्माणों और कॉलोनियों के बारे में जानकारी ली। जिसपर अधिकारियों ने उन्हें बताया कि प्रदेश भर में करीब पौने दो लांख अवैध निर्माण किए गए हैं। यह जानकारी मिलते ही प्रमुख सचिव ने अधिकारियों को ऐसे निर्माणों को नियमानुसार नियमित करने का मौका देने अन्यथा सीलिंग या ध्वस्तीकरण की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने ये भी कहा कि प्रदेश में किसी भी तरह से अवैध निर्माणों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
Published on:
08 Sept 2022 10:35 am
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