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Afghanistan Crisis : अफगानी छात्रा का दर्द- तालिबानी कठमुल्लों को पता चला, पढ़ाई कर रही तो परिवारवालों को मार डालेंगे

locationलखनऊPublished: Aug 17, 2021 04:35:16 pm

Submitted by:

Hariom Dwivedi

Afghan students scared after Afghanistan Crisis- भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में करीब 2200 और उत्तर प्रदेश में 500 अफगानी छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं

Afghan students in up scared for safety and future of their families in home country Afghanistan

Afghanistan Crisis : अफगानी छात्रा का दर्द- तालिबानी कठमुल्लों को पता चला, पढ़ाई कर रही तो परिवारवालों को मार डालेंगे

लखनऊ. Afghan students scared after Afghanistan Crisis- अफगानिस्तान संकट के बीच उप्र के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ रहे करीब 500 छात्र-छात्राओं को अपने परिवार की चिंता सता रही है। अफगानिस्तान के मौजूदा हालात को देखते हुए वे अभी अपने देश नहीं लौटना चाहते। अधिकतर छात्रों ने भारत सरकार से अपनी वीजा अवधि को बढ़ाने की मांग की है। कुछ छात्राएं तो तालिबानी राज में अपने भविष्य को लेकर इतना चिंतित हैं कि उन्हें लगता है कि तालिबान को जब यह पता चलेगा कि वे भारत में पढऩे आयी हैं तो उनके परिवार वालों को तालिबानी कठमुल्ले मार डालेंगे। कुछ छात्रों ने बताया कि उनके परिवारों से फोन पर बात हुई है, वे अपने घरों में कैद हैं। गौरतलब है कि भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों में करीब 2200 अफगानी छात्र और छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।
लखनऊ विवि में पढ़ते हैं 60 अफगानी
अफगानिस्तान पर तालिबानी कब्जे के बीच लखनऊ विश्वविद्यालय लखनऊ में अफगानिस्तान को लेकर माहौल गर्म है। एलयू में करीब 60 अफगानी छात्र पढ़ते हैं। यह अलग-अलग कोर्सेस की पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें कुछ पास आउट होने वाले हैं। जबकि, 12 अफगानी छात्र फाइनल ईयर में हैं। मौजूदा वक्त में अफगानिस्तान के जो हालात हैं उसके मद्देनजर ये सभी छात्र अभी भारत नहीं छोडऩा चाहते। जिन अफगानी छात्रों के पास वीजा की सुविधा है, वे अफगानिस्तान के बजाय किसी दूसरे देश जाने का सोच रहे हैं। लखनऊ विवि में पढ़ रहीं अफगानी छात्राओं को अपने परिवार, दोस्तों और सगे-संबंधियों की चिंता सता रही है। परिवार से भी बात नहीं हो पा रही है। वे अपने भविष्य को लेकर चिंतित हैं।
घर वालों ने आने से मना किया: जामिल
जामिल इरफानी ने भी इसी वर्ष लखनऊ विश्वविद्यालय से एमबीए पूरा किया है। वे कहते हंै, इस वक्त अफगानिस्तान के हालात बेहद खराब हैं। जब तक वहां की स्थिति ठीक नहीं होती मैं वहां नहीं जाना चाहता। परिवार वालों से मेरी बात हो रही है। वे ठीक हैं लेकिन, उन्होंने मुझे अभी आने से मना किया है।
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मेरा परिवार घर में कैद : हंगामा
लखनऊ विश्वविद्यालय से मास्टर्स इन जर्नलिज्म की छात्रा हंगामा का कहना है कि मेरा फाइनल ईयर हो गया है, मैं घर जाने वाली थी। पर अब समझ नहीं आ रहा क्या करूं? मैंने अपने परिवार से बात की। वे सब अपने आप को कैद किए हुए हैं। घर वाले चाहते हैं। कि मैं अभी अपने देश न आऊं। एक छात्रा ने अपना न बताने की शर्त पर कहा कि अगर तालिबानी कठमुल्लों को पता चला कि मैं भारत पढ़ने आई हूं तो वे मुझे मार डालेंगे।
इलाहाबाद विवि के छात्रों को चिंता कैसे चलेगा खर्च
इलाहाबाद विवि इलाहाबाद में पढ़ रहे अफगानीछात्र बताते हैं कि उनके परिवारों से उनके संपर्क टूटे हुए हैं। उन्हें यह जानकारी नहीं है कि परिवार वाले जिंदा भी हैं या नहीं? छात्रों का कहना है अभी अफगानिस्तान में जाने का मतलब है मौत को न्योता देना। छात्रों का कहना है कि घर वाले बैंक से पैसे भी नहीं निकाल पा रहे हैं। ऐसे में उन्हें चिंता है कि अब वे भारत में कैसे निर्वाह करेंगे।
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क्या चाहते हैं अफगानी छात्र
लखनऊ विश्वविद्यालय ही नहीं बल्कि, भारत के अलग-अलग कॉलेजेस में पढ़ रहे अफगानी छात्र अभी अपने मुल्क वापस नहीं जाना चाहते। उनकी मांग है कि भारत सरकार उनका वीजा बढ़ा दे। ताकि वे भारत में सुरक्षित रह सकें। कुछ अफगानी छात्रों के वीजा परमिटकुछ महीने में खत्म होने वाले हैं। उनका कहना है कि भारत सरकार उनकी मुसीबतों को समझेगा और वीजा अवधि को बढ़ा देगा।
छात्रों को नहीं होगी कोई परेशानी : आईसीसीआर
इंडियन काउंसिल फॉर कल्चरल रिलेशन्स (आईसीसीआर) के महानिदेशक दिनेश पटनायक ने कहा कि जो छात्र वर्तमान में आईसीसीआर छात्रवृत्ति पर भारत में हैं, हमेशा की तरह उनका ध्यान रखा जाएगा। वह अपने विश्वविद्यालयों के छात्रावासों में रह सकते हैं और उन्हें समय पर वजीफा मिलेगा।
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