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लखनऊ. आतंकी संगठनों का इस वक्त सबसे बड़ा हथियार हनी ट्रैप बन चुका है। हनी ट्रैप के जरिये पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई भारतीय सेना के जवानों से लेकर अधिकारियों को फंसा कर खुफिया जानकारी इक्कठ्ठा कर रही है। इसी तरह का एक मामला और सामने आया है। इंडियन आर्मी की लखनऊ स्थित मध्य कमान की इंटेलीजेंस विंग को एक लेफ्टिनेंट कर्नल के हनी ट्रैप में फंस कर आईएसआई को खुफियां जानकारी लीक करने की सूचना मिली। इसके बाद लेफ्टिनेंट कर्नल को हिरासत में ले लिया गया है।
लखनऊ खुफिया तंत्र ने खोला जबलपुर में अफसर का राज़
लखनऊ स्थित मध्य कमान की इंटेलीजेंस विंग को हाल में खुफिया जानकारी मिली कि सेना का एक उच्च अधिकारी हनी ट्रैप में फंसकर पाकिस्तान के आईएसआई को सेना की जानकारी दे रहा है। जांच के दौरान सामने आया है कि वह अधिकारी जबलपुर मध्य कमान के अंतर्गत तैनात है। खुफिया जानकारी की पुष्टि होने पर पता चला कि सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल जबलपुर के 506 आर्मी बेस वर्कशॉप से जुड़ा है।
एक करोड़ के ट्रांसफर पर हड़कंप
सेना के खुफिया तंत्र को सूचना मिली थी कि लेफ्टिनेंट कर्नल को हनी ट्रैप के जरिये फंसाया गया है। लेफ्टिनेंट कर्नल ने कई बेहद गोपनीय दस्तावेज भी लीक किए हैं। वहीं सेना के खुफिया तंत्र को जानकारी मिली है कि कथित आरोपी लेफ्टिनेंट कर्नल के खाते में एक करोड़ रुपये भी ट्रांसफर हुए हैं।
लखनऊ लाकर होगी पूछताछ
जानकारी के मुताबिक लखनऊ स्थित मध्य कमान की इंटेलीजेंस विंग सूचना के बाद ले. कर्नल के जबलपुर दफ्तर और आवास पर छापेमारी की गई। यहां से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और कम्प्यूट की हार्डडिस्क जब्त की गई है। वहीं ले. कर्नल से लगभग 12 घंटे तक पूछताछ की गई। अब ले. कर्नल को लखनऊ लाकर पूछताछ हो सकती है।
एयरफोर्स का ग्रुप कैप्टन भी फंसा था पाकिस्तान के हनीट्रैप में
इससे पहले एयरफोर्स के ग्रुप कैप्टन अरुण मारवाह पाकिस्तान के हनीट्रैप में फंस चुके हैं। गत 9 फरवरी को एयरफोर्स की शिकायत के बाद दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई को गोपनीय दस्तावेज पहुंचाने के आरोपी में गिरफ्तार किया गया है।
Updated on:
15 Feb 2018 01:12 pm
Published on:
15 Feb 2018 01:05 pm
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