केंद्र के इशारे पर हो रही जमाखोरी- सपा मुखिया अखिलेश यादव ने एक प्रेस वार्ता के दैरान कहा कि यह अंतर्राष्ट्रीय साजिश है जिसकी वजह से रुपया खत्म हो गया है। यह आर्थिक व्यवस्था को चोट पहुंचाने की साजिश है। अखिलेश ने इसी के साथ केंद्र सरकार को घेरते हुए कहा कि यह भी देखना होगा कि कहीं केंद्र के इशारे पर जमाखोरी तो नहीं हो रही है? उन्होंने आगे कहा कि अगर यह सच है तो यह सवाल तो उठता ही है कि आखिर सरकार क्या कर रही है। अखिलेश ने कैश की किल्लत से व्यापारियों को होने वाली समस्या को उजागर करते हुए कहा कि अगर कैश नहीं होगा तो व्यापार पूरी तरह से ठप हो जाएगा साथ ही भारत की अर्थव्यवस्था भी पूरी तरह से ठप हो जाएगी। वहीं इससे सबसे ज्यादा नुकसान गरीबों को होगा।
पूरे मामले की होनी चाहिए जांच-
अखिलेश ने आगे कहा कि कैश की किल्लत की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। सरकार ने नोट भी ज्यादा छपवाएं हैं, बावजूद इसके एटीएम में कैश ना होने की समस्या लगातार बनी हुई है। कैश की किल्लत आज देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। अगर रुपयों की जमाखोरी हो रही है, तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। ये सरकार की जिम्मेदारी है। इस पूरे मामले पर जांच होनी चाहिए।
अखिलेश ने आगे कहा कि कैश की किल्लत की जिम्मेदारी दिल्ली सरकार की है। सरकार ने नोट भी ज्यादा छपवाएं हैं, बावजूद इसके एटीएम में कैश ना होने की समस्या लगातार बनी हुई है। कैश की किल्लत आज देश की सबसे बड़ी समस्या बन चुकी है। अगर रुपयों की जमाखोरी हो रही है, तो उसकी भी जांच होनी चाहिए। ये सरकार की जिम्मेदारी है। इस पूरे मामले पर जांच होनी चाहिए।
मुख्य सचिव ने कहा- यूपी में कैश की कमी नहीं- इस मामले में यूपी के मुख्य सचिव राजीव कुमार ने कहा कि यूपी में कैश की कमी नहीं है। इस मामले में आज आरबीआई के अधिकारियों और नोडल बैंक अधिकारियां के साथ बैठक हुई जिसमें इस मामले पर चर्चा हुई है। वहीं बुधवार को देश के वित्त मंत्री अरुण जेटली के आश्वासन के बाद शहरी इलाकों में कैश की समस्या से लोगों को निजात मिला, लेकिन ग्रामीण इलाकों में हालात जस के तस बने रहे।
बैंक की खुली पोल- वैसे सच्चाई तो यह है कि राजधानी लखनऊ समेत कई अन्य शहरों व ग्रामीण इलाकों में बैंकों की पोल खुल गई। यहां एटीएम में कैश नहीं मिला। हालांकि, बैंक अभी भी ये मानने को तैयार नहीं है कि कैश की किल्लत है। बैेंक अधिकारियों का कहना है कि कैश की कमी नहीं है बल्कि एटीएम मशीनें खराब हैं।