
Mayawati Akhilesh
लखनऊ. लोकसभा उपचुनाव में फूलपुर और गोरखपुर दोनों सीटों पर कब्जा जमाने के बाद समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव साफ तौर पर बेहद गदगद हैं और इस बार चाहे जितने भी मौके हो, वो चुनाव में समर्थन देने वाली बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती को धन्यवाद देना नहीं भूल रहे। बुधवार को तो उन्होंने सार्वजनिक तौर पर प्रेस कांफ्रेस कर 'बुआजी' को सबसे पहले धन्यवाद दिया। और आज जब वे फिर से समाजावादी पार्टी कार्यालय में मीडिया से मुखातिब हुए तो उन्होंने दोबारा अपने और बुआजी के संबंध पर रोशनी डाली। जिसने 2019 लोकसभा चुनाव में संभावित गठबंधन की ओर भी इशारा किया।
मायावती जी से मेरे सबसे अच्छे व्यवहार-
सपा राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव इशारों-इशारों में गेस्ट हाउस कांड का जिक्र करते हुए कहा कि हमको तो अक्सर ही कुछ लोग पुरानी बात याद दिलाते हैं, पर यह सत्य है कि अभी भी हमारे मायावती जी से सबसे अच्छे व्यवहार ही हैं। वहीं उनसे जब पूछा गया कि बहुजन समाज पार्टी के साथ गठबंधन की संभावनाएं क्या है तो इसपर अखिलेश फिर घुमाफिरा कर जवाब देते हुए बोले कि "कभी-कभी पुरानी बातों को भूलना पड़ता है। भविष्य के बारे में कोई कुछ नहीं कह सकता, लेकिन आगे वही बढ़ता है, जो पुरानी बातों को भूल जाता है।" अखिलेश के इस बयान से एक बार फिर सियासी गलियारों में चर्चा है कि 2019 चुनाव का सफर वो मायावती के साथ करने के इच्छुक हैं।
इससे पहले उन्होंने कहा था कि हम तो समाजवादी हैं। समाजवादी लोग सभी का बहुत सम्मान करते हैं। वहीं उन्होंने ईवीएम की गड़बड़ी पर कहा कि ईवीएम में गड़बड़ी थी, नहीं तो हमारे दोनों ही प्रत्याशियों की जीत का अंतर काफी ज्यादा बड़ा होता।
कल मिले थे मायावती से अखिलेश-
25 वर्षों में पहली बार किसी सपा नेता ने मायावती के घर की दहलीज पर कदम रखा था। अखिलेश यादव फूलों के गुलदस्तोें के साथ वहां पहुंचे। वे करीब 50 मिनट तक उनके घर पर रहे। हालांकि वहां से निकलते वक्त वे किसी प्रकार के बयान देने से बचे, लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि गठबंधन व देश के सबसे बड़े चुनाव के लिए उनसे बातचीत हुई थी। जो भी हो, फिलहाल प्रदेश में बुआ-भतीजे का साथ लोगों को पसंद आ रहा है और यह एक बड़े राजनीतिक फेरबदल के संकेत भी हैं।
Updated on:
15 Mar 2018 04:43 pm
Published on:
15 Mar 2018 04:30 pm
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