
लखनऊ. समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने आज पार्टी मुख्यालय में सभी विधायकों की बैठक बुलाई है। शाम को राजधानी के पांच सितारा होटल 'विवांता द ताज' में रात्रिभोज देंगे। अखिलेश यादव ने समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय संरक्षक मुलायम सिंह यादव , पूर्व कैबिनेट मंत्री व पार्टी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव, सपा के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव और राज्यसभा प्रत्याशी जया बच्चन के साथ पूर्व मंत्रियों और मौजूदा विधायकों को आमंत्रित किया है। उनकी कोशिश डिनर डिप्लोमैसी के जरिये विधायकों साधने की होगी।
राज्यसभा चुनाव में विधायकों की टूट-फूट की आशंका से निपटने के लिये अखिलेश यादव ने यह बैठक बुलाई है। उनकी कोशिश राज्यसभा चुनाव में सपा प्रत्याशी जया बच्चन के साथ बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर को जीत पक्की करने पर होगी। इसके लिये बैठक के दौरान विधायकों को खास निर्देश दिये जाएंगे। इनमें चुनाव तक विधायकों को लखनऊ में रहने के साथ ही पूरी तरह से एकजुट रहने के निर्देश दिये जाने की उम्मीद है। माना जा रहा है कि बैठक के दौरान अखिलेश यादव सपा विधायकों को भाजपा से सावधान रहने की विशेष हिदायद देंगे। इस दौरान अखिलेश चाचा शिवपाल यादव से मनमुटाव भी दूर करने की कोशिश कर सकते हैं।
पार्टी के बड़े नेताओं को आशंका है कि राज्यसभा चुनाव को लेकर कुछ विधायक दूसरे दल को वोट दे सकते हैं। ऐसी किसी स्थिति से निपटने के लिये अखिलेश यादव ने लखनऊ के पार्टी कार्यालय में विधायकों की बैठक बुलाई है। गौरतलब है कि हाल ही में संपन्न हुए राष्ट्रपति चुनाव में अखिलेश के मना करने के बावजूद समाजवादी पार्टी के कुछ विधायकों ने भाजपा प्रत्याशी रामनाथ कोविंद को वोट किया था।
ये है राज्यसभा की सीटों का गणित
उत्तर प्रदेश की 10 सीटों के लिए राज्यसभा का चुनाव होना है। इसमें भाजपा के आठ सांसदों का चुना जाना तय है। राज्यसभा की एक सीट जीतने के लिये 37 वोट चाहिये। भाजपा के पास सबसे अधिक 311 विधायक हैं। सपा के 47 विधायक हैं, मतलब सपा द्वारा एक प्रत्याशी को राज्यसभा भेजने के बाद उसके बास 10 वोट बचेंगे। बसपा के 19 विधायक हैं। हाल हमें यूपी के बदले राजनीतिक समीकरणों को देखते हुए माना जा रहा है समाजवादी पार्टी बसपा प्रत्याशी भीमराव अंबेडकर का समर्थन करेगी। ऐसे में बसपा के पास कुल वोट 29 हो जाएंगे। कांग्रेस के सात वोट भी बसपा के फेवर में जाने की उम्मीद है। ऐसे में अगर रालोद के एकमात्र विधायक का वोट अगर बसपा को मिला तो भीमराव अंबेडकर की जीत तय है। लेकिन अगर इसमें सेंधमारी हो गई तो बसपा प्रत्याशी की राह मुश्किल हो जाएगी।
भाजपा ने बिगाड़ा खेल
राज्यसभा चुनाव के लिये भारतीय जनता पार्टी ने अपना नौवां प्रत्याशी मैदान में लाकर विपक्षी दलों का गणित गड़बड़ा दिया है। भाजपा के 311 वोटों में आठ को जिताने के बाद भाजपा के पास 28 वोट बचेंगे। भाजपा को राज्यसभा की नौवीं सीट जिताने के लिये नौ वोटों की दरकार है। इनमें से नितिन अग्रवाल और विजय मिश्रा के वोट भाजपा को मिलना तय है। ऐसे में भाजपा निर्दलीय विधायकों (चार) के समर्थन और क्रास वोटिंग के सहारे राज्यसभा की नौवीं सीट भी जीत सकती है।
भाजपा को सिर्फ तीन वोटों की दरकार
भाजपा को राज्यसभा की नौवीं सीट जिताने के लिये नौ वोटों की दरकार है। इनमें से नितिन अग्रवाल और विजय मिश्रा के वोट भाजपा को मिलना तय है। सपा में भाजपा में आये नरेश अग्रवाल पहले ही कह चुके हैं कि उनके विधायक बेटे नितिन अग्रवाल का वोट भाजपा प्रत्याशी को जाएगा। इसके अलावा निषाद पार्टी के प्रदेश महासचिव व एक मात्र विधायक विजय मिश्र ने ऐलान किया है कि राज्यसभा चुनाव में वह भी भाजपा को वोट करेंगे। ऐसे में भाजपा निर्दलीय विधायकों (चार) के समर्थन और क्रास वोटिंग के सहारे राज्यसभा की नौवीं सीट भी जीत सकती है।
Published on:
21 Mar 2018 12:18 pm
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